Rajasthan News: राजस्थान के शिव से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी, जिन्होंने विधानसभा और लोकसभा चुनावों में बीजेपी को कड़ी चुनौती दी थी, ने सोमवार देर शाम रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान शहीद हुए रेलवे कर्मचारियों की याद में एक म्यूजियम बनाने की मांग की है। भाटी ने इस पत्र की डिजिटल प्रति अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर साझा की है और रेल मंत्री को टैग किया है।

गडरारोड़ रेलवे स्टेशन का ऐतिहासिक महत्व

भाटी ने अपने पत्र में बाड़मेर जिले के गडरारोड़ रेलवे स्टेशन के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने लिखा, “यह रेलवे स्टेशन भारतीय रेलवे के गौरवशाली इतिहास और अपनी विशेष सामरिक स्थिति के लिए जाना जाता है। यहां हर साल एक अनोखा मेला आयोजित किया जाता है, जो रेलवे कर्मचारियों की शहादत को समर्पित है। 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान, जब हमारे जांबाज सिपाही दुर्गम रेगिस्तान में दुश्मनों से लड़ रहे थे, उस समय रेलवे कर्मचारियों ने भी युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।”

17 रेलवे कर्मियों का सर्वोच्च बलिदान

भाटी ने पत्र में 9 सितंबर 1965 की घटना का जिक्र करते हुए बताया कि जब सैनिकों को युद्ध सामग्री पहुंचाना जरूरी था, तब रेलवे कर्मचारी और सैनिकों की एक टीम बाड़मेर से गडरारोड़ के लिए रवाना हुई। जैसे ही ट्रेन गडरारोड़ के पास पहुंची, पाकिस्तानी वायुसेना ने उस पर बमबारी शुरू कर दी, जिससे ट्रेन के अंतिम कोच में आग लग गई। तब इंजन चालक और अन्य रेलवे कर्मचारियों ने बहादुरी दिखाते हुए उस कोच को बाकी ट्रेन से अलग कर दिया, लेकिन अंतिम डिब्बे में सवार 17 रेलवे कर्मचारी इस दौरान शहीद हो गए।

युद्ध स्थल पर म्यूजियम की मांग

भाटी ने रेल मंत्री से आग्रह किया, “इस घटना को 59 वर्ष बीत चुके हैं, और भारतीय रेलवे की ओर से केवल एक शहीद मेला आयोजित किया जाता है। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि इस शहादत स्थल को जैसलमेर के लोंगेवाला युद्ध स्थल की तर्ज पर एक म्यूजियम के रूप में विकसित किया जाए, ताकि 1965 के युद्ध में शहीद हुए रेलवे कर्मियों की वीरता और बलिदान आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा बने और उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सके।”

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