Rajasthan News: स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शुरू की गई मासिक वेबिनार सीरीज ‘बात आपकी हमारी’ के चौथे एपिसोड का आयोजन गुरुवार को आयोजित किया गया। एपिसोड के दौरान शिक्षकों, विद्यार्थियों, अभिभावकों और अधिकारियों को सुरक्षित स्कूल-सुरक्षित राजस्थान अभियान के अंतर्गत स्कूल शिक्षा शासन सचिव नवीन जैन ने असुरक्षित स्पर्श के प्रति जागरुकता लाने को लेकर सार्थक चर्चा की। 

मासिक वेबिनार सीरीज के इस सेशन में शासन सचिव नवीन जैन जी ने प्रदेश के स्कूलों के संस्था प्रधान, सभी शिक्षकों और समस्त विभागीय अधिकारियों से 26 अगस्त को ‘सुरक्षित स्कूल सुरक्षित राजस्थान’ अभियान के प्रथम चरण को लेकर एक बार फिर ‘गुड टच-बैड टच’ के बारे में सेशन लिया। सेशन में शासन सचिव द्वारा विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के अनुपात में आयोजित होने वाले प्रशिक्षण सत्रों की संख्या सहित अन्य आवश्यक तैयारियों के बारे में विस्तार से जानकारी और दिशा-निर्देश दिए।

शासन सचिव ने सेशन में कहा कि समाज में बच्चों के प्रति यौन दुर्व्यवहार की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए बच्चों में गुड टच बैड टच की समझ विकसित करना आवश्यक है। उन्होंने 4 फ्लैक्स के माध्यम से गुड टच और बैड टच को बेहद प्रभावी और सरलतम रूप में समझाया। जिसके सहयोग से प्रधानाचार्य, शिक्षक व मास्टर ट्रेनर्स बच्चों में असुरक्षित स्पर्श के प्रति सजग कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि हम इस अभियान से जागरूक परिवार- जागरूक बच्चे की अवधारणा को साकार कर सकते हैं। बच्चों के मन से डर को भगाना जरूरी है। बच्चों व समाज में इन्हीं जरूरी बातों को यदि ठीक ढंग से बताया जाए तो बच्चों के प्रति दुर्व्यवहार की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सकता है। 

उन्होंने बताया कि माता-पिता का प्यार और मां द्वारा बच्चों को नहलाते समय, दादा-दादी द्वारा आशीर्वाद के लिए या दोस्तों एवं परिवार के सदस्यों की ओर से खुशी के पलों में ‘टच’ अच्छे और सुरक्षित स्पर्श के रूप में होते हैं। इसी प्रकार शिक्षकों द्वारा सराहना या शाबासी, समाज के अन्य व्यक्तियों द्वारा आशीर्वाद या फिर माता-पिता की उपस्थिति में डॉक्टर द्वारा इलाज के लिए बच्चे का स्पर्श ‘गुड टच’ की श्रेणी में आते हैं।

 वहीं बच्चों को होंठ, छाती, टांगों के बीच आगे-पीछे और कमर के नीचे की ओर छूना ‘बैड टच’ हैं। साथ ही बिना छुए फोन या लैपटॉप पर बुरी तस्वीरे या वीडियो दिखना ‘डिजिटल बैड टच’ होता है।

सेशन में शासन सचिव ने बताया कि बच्चों में 5 सेंस के बारे में बताना आवश्यक है। उन्होंने बताया कि इसके जरिये बच्चों को असुरक्षित स्पर्श की पहचान करायें ताकि वे हर स्थिति में सतर्क रहें। उन्होंने सेशन में कहा कि बच्चों को ना ही डरना है ना ही किसी लालच में आना है।

शासन सचिव ने 5 सिग्नल्स के माध्यम से बच्चों में असुरक्षित स्पर्श के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि बच्चों के लिप्स, छाती, पैरों के बीच में, कमर के नीचे या पीछे यदि कोई स्पर्श करे तो ये बैड टच का सिग्नल है। बैड टच की स्थिति में बच्चों को चिल्लाते हुए ‘नो’ बोलकर उस स्थान या व्यक्ति से सवाधानी के साथ दूर भागने (गो) और इसके बारे में बिना किसी डर या घबराहट के किसी बड़े या जिस पर उनको सबसे ज्यादा भरोसा हो, को बताने (टैल) के लिए सजग बनाने की थ्योरी भी बताई गई।

उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया किया सेशन अटेंड किये बिना सिर्फ मैटेरियल से बच्चों को ना सिखाएं यह अर्थ का अनर्थ के समान है। आप पहले मेरे इस सेशन को पूरा ध्यानपूर्वक देखें तत्पश्चात ही आप बच्चों को असुरक्षित स्पर्श के प्रति जागरूक कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि 26 अगस्त को आयोजित होने जा रहे सुरक्षित स्कूल, सुरक्षित राजस्थान अभियान के बाद आगामी अक्टूबर और जनवरी माह में भी इसी तर्ज पर सभी स्कूलों में दूसरे और तीसरे चरण में रिपीट सत्र आयोजित किये जाएंगे।

ये खबरें भी जरूर पढ़ें