Rajasthan News: देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। समरावता गांव में एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मारने के मामले में उनकी जमानत याचिका दूसरी बार भी कोर्ट ने खारिज कर दी है। इससे पहले सेशन कोर्ट में एक अन्य मामले में उनकी जमानत याचिका को भी खारिज कर दिया गया था।

नरेश मीणा को नहीं मिली राहत
दिलचस्प बात यह है कि जिस मामले में नरेश मीणा की जमानत खारिज की गई, उसमें अब तक 54 आरोपियों को जमानत दी जा चुकी है। लेकिन कोर्ट ने नरेश मीणा की जमानत याचिका को खारिज करते हुए उन्हें जेल में ही रहने का निर्देश दिया है।
थप्पड़ कांड समेत कई आरोप
नरेश मीणा पर समरावता थप्पड़ कांड, उपद्रव और आगजनी से संबंधित एफआईआर 166/2024 के तहत मामला दर्ज है। इसके अलावा, नगरफोर्ट थाने में उनके खिलाफ एक और मामला (एफआईआर 167/24) दर्ज है। 6 जनवरी को एफआईआर 167/24 में 18 आरोपियों की जमानत मंजूर की गई थी। वहीं, 3 जनवरी को राजस्थान हाई कोर्ट ने इसी मामले में 39 अन्य आरोपियों को भी जमानत दी थी।
क्या है समरावता थप्पड़ कांड?
13 नवंबर 2024 को देवली-उनियारा उपचुनाव के दौरान समरावता गांव में ग्रामीणों ने वोटिंग का बहिष्कार किया। उनकी मांगें पूरी न होने के कारण सिर्फ तीन वोट डाले गए। इसी दौरान निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने एरिया मजिस्ट्रेट अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया। इस घटना ने तूल पकड़ा, जिसके बाद उन्हें 14 नवंबर को गिरफ्तार कर लिया गया।
नरेश मीणा की ओर से सेशन कोर्ट में एफआईआर 166/2024 के तहत जमानत याचिका दायर की गई थी। लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। अब इस मामले में मीणा को जेल में और समय बिताना होगा।
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