Rajasthan News: राजस्थान में अवैध हथियारों की तस्करी पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी है। झुंझुनूं और हनुमानगढ़ जिलों में हाल ही में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एके-47 राइफल, 32 बोर पिस्टल और दर्जनों कारतूस बरामद किए हैं। यह कार्रवाई गैंगस्टरों से जुड़े युवकों के खिलाफ की गई, जिनके हरियाणा और पंजाब के अपराधियों से संबंध होने की आशंका है।

2025 में बढ़े मामले, 215 हथियार जब्त

पुलिस मुख्यालय के अनुसार, 2025 में अब तक अवैध हथियारों की तस्करी से जुड़े 205 मामले दर्ज हो चुके हैं, जो पिछले वर्षों की तुलना में अधिक हैं। 2024 में 174, 2023 में 150, 2022 में 141 और 2021 में 125 मामले सामने आए थे। इस साल के पहले छह महीनों में ही 215 अवैध हथियार जब्त किए गए, जबकि 2024 में पूरे साल में 174 हथियार बरामद हुए थे।

मध्य प्रदेश से आ रहे हथियार

पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि अधिकतर हथियार मध्य प्रदेश के खरगोन, बड़वानी और धार जिलों से तस्करी कर राजस्थान लाए जा रहे हैं। हरियाणा के भिवानी और महेंद्रगढ़ से भी तस्करी के नेटवर्क सक्रिय हैं। इन जिलों की सीमाएं हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश से सटी होने के कारण तस्करी का नेटवर्क मजबूत है। पुलिस ने बताया कि अब हथियारों की खरीद-फरोख्त डिजिटल माध्यमों जैसे ऐप्स, चैट और कोडवर्ड के जरिए हो रही है।

पुलिस ने जयपुर, झुंझुनूं, चुरू, नागौर, अलवर, श्रीगंगानगर, कोटा, भरतपुर, करौली और बाड़मेर को संवेदनशील जिलों की सूची में शामिल किया है। इन क्षेत्रों में जिला पुलिस के साथ-साथ साइबर टीमें भी निगरानी कर रही हैं। बीते दो वर्षों में अवैध हथियारों का इस्तेमाल मुख्य रूप से गैंगवार, फिरौती और दबाव बनाने जैसे अपराधों में हुआ है।

श्रीगंगानगर और जयपुर में हाल के मामलों में हथियारों के जरिए कारोबारियों से वसूली की शिकायतें सामने आई हैं। पुलिस का दावा है कि लगातार कार्रवाइयों से कई तस्करी नेटवर्क ध्वस्त किए गए हैं। अब पुलिस कस्टमर बेस पर काम कर रही है, यानी हथियारों की मांग करने वालों पर भी नजर रखी जा रही है। गृह विभाग ने कॉलेजों, सीमावर्ती गांवों और बड़ी कृषि मंडियों में छिपे नेटवर्क की तलाश के लिए डोर-टू-डोर इंटेलिजेंस और संदिग्ध व्यक्तियों की निगरानी का अभियान शुरू करने के निर्देश दिए हैं।

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