Rajasthan News: सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने राज्य के अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को प्राथमिकता से निर्धारित मापदंडों के आधार पर समय पर छात्रवृत्ति का भुगतान किए जाने के संबंध में केंद्रीयांश की राज्य की बकाया राशि 730.81 करोड रुपए जारी करने के संबंध में जनजाति केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को पत्र लिखा है।
मंत्री टीकाराम जूली ने पत्र में लिखा कि अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों के शैक्षणिक उन्नयन हेतु जनजाति कार्य मंत्रालय द्वारा सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग के माध्यम से अनुसूचित जनजाति उत्तर मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना संचालित की जा रही है।
उन्होंने कहा कि योजना के दिशा निर्देशों के अनुसार केंद्र व राज्य का 75:25 की वित्त पोषण पद्धति निर्धारित है। राज्य में प्रतिवर्ष योजना के तहत लगभग 3 लाख आवेदन प्राप्त होते हैं जिनकी भुगतान के लिए लगभग 400 करोड़ रुपए की प्रति वर्ष आवश्यकता होती है। जिसका केंद्रीयांश 300 करोड़ रुपए अनुमानित होता है।
उन्होंने अवगत कराया कि गत वित्तीय वर्ष 2022-23 में राज्य के प्राप्त आवेदनों के आधार पर 380.26 करोड (केंद्रीयांश राशि 285.20 करोड़) की मांग निर्धारित थी, जिसके विरुद्ध मात्र 77.81 करोड रुपए राशि जारी की गई थी।
उन्होंने पत्र में लिखा कि विद्यार्थियों के शैक्षणिक उन्नयन हेतु जारी की जाने वाली सहायता आवेदक की आर्थिक स्थिति को देखते हुए समय पर जारी की जानी आवश्यक होती है। इसके अभाव में विद्यार्थी शिक्षा से वंचित हो सकता है। केन्द्रीयांश का समय पर पुनर्भरण नहीं होने से कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने मांग की कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के प्राप्त आवेदन व पूर्व के बकाया आवेदनों के निस्तारण हेतु रुपए 430. 81 करोड़ रुपए और वित्तीय वर्ष 2023-24 के आवेदनों का केंद्रीय राशि रुपए 300 करोड़ सहित कुल राशि 730.81 करोड़ रुपए की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि राज्य का बजट वित्तीय वर्ष के प्रारंभ में आवंटित कर दिया गया है।
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