Rajasthan News: जयपुर: प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान (एनएमपी) के तहत पिछले तीन सालों (2021-22, 2022-23, 2023-24) और चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान राजस्थान में 54 रेल परियोजनाओं (23 नई लाइनें और 31 दोहरीकरण) के सर्वे कार्यों को मंजूरी दी गई है. इन परियोजनाओं की कुल लंबाई 4894 किलोमीटर है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में राजस्थान की रेल परियोजनाओं के बारे में जानकारी साझा की.
पहले सिर्फ 682 करोड़ का बजट मिलता था
वैष्णव ने बताया कि 2009-2014 के दौरान राजस्थान को केवल 682 करोड़ रुपये का बजट मिलता था, लेकिन अब यह बजट बढ़कर 2024-2025 में 9959 करोड़ रुपये हो गया है. इसी प्रकार, 2009-14 के दौरान रेलवे कमीशनिंग की औसत लंबाई 798 किलोमीटर (159.6 किलोमीटर प्रति वर्ष) थी, जो 2014-24 के बीच बढ़कर 3742 किलोमीटर (374.2 किलोमीटर प्रति वर्ष) हो गई है.
रींगस-खाटू श्याम नई रेल लाइन को मिली मंजूरी
वैष्णव ने जानकारी दी कि मार्च 2024 में 254.06 करोड़ रुपये की लागत से रींगस-खाटू श्यामजी (17.49 किमी) नई रेल लाइन के कार्य को मंजूरी दी गई है. इसके अलावा, खाटू श्यामजी-सालासरजी- सुजानगढ़ (45 किमी) के बीच नई रेल लाइन के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने हेतु अंतिम स्थान सर्वे भी पूरा कर लिया गया है.
1183 किमी लंबी रेल परियोजनाएं हो चुकी हैं चालू
वैष्णव ने बताया कि 1 अप्रैल, 2024 तक 51814 करोड़ रुपये की लागत से 4191 किमी लंबाई वाली 32 रेलवे अवसंरचना परियोजनाएं (15 नई लाइनें, 5 आमान परिवर्तन और 12 दोहरीकरण) जो राजस्थान में पूरी या आंशिक रूप से स्थित हैं, योजना अनुमोदन और निष्पादन के विभिन्न चरणों में हैं. इनमें से 1183 किलोमीटर लंबाई की रेल परियोजनाएं चालू हो चुकी हैं, जिन पर मार्च 2024 तक 14785 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं.
शामिल योजनाएं
- 20997 करोड़ रुपये की लागत से 1230 किलोमीटर कुल लंबाई की 15 नई लाइन परियोजनाएं, जिनमें से 134 किलोमीटर लंबाई चालू हो चुकी है और मार्च 2024 तक 3593 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं.
- 8334 करोड़ रुपये की लागत से 1252 किलोमीटर कुल लंबाई की 5 गेज परिवर्तन परियोजनाएं, जिनमें से 759 किलोमीटर लंबाई चालू हो चुकी है और मार्च 2024 तक 5398 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं.
- 22483 करोड़ रुपये की लागत से 1709 किलोमीटर कुल लंबाई की 12 दोहरीकरण परियोजनाएं, जिनमें से 290 किलोमीटर लंबाई चालू हो चुकी है और मार्च 2024 तक इस पर 5794 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं.
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