Rajasthan News: उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ की अध्यक्षता में सोमवार को उद्योग भवन में विभाग व उसके अधीनस्थ विभाग, बोर्ड, निगम के विभागाध्यक्षों के साथ बैठक आयोजित हुई।

बैठक में मंत्री राठौड़ ने सभी अधिकारियों से विभाग के कार्यों का फीडबैक लिया। उन्होंने कहा कि हम सभी का एक ही लक्ष्य होना चाहिए कि हम सब टीमभावना के साथ कार्य करते हुए राजस्थान को “मॉडल औद्योगिक स्टेट” के रूप में स्थापित करें। इसके लिए निवेशकों को प्रोत्साहित करने की पॉलिसी का निर्माण किया जाये। उन्होंने कहा कि प्रदेश में देश—विदेश से निवेश करने वाले निवेशक हमारे लिए वीआईपी हैं। विभाग द्वारा उनकी हरसंभव मदद की जायेगी।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि गुजरात में आयोजित होने वाले वाइब्रेंट गुजरात की तर्ज पर राजस्थान में इस तरह का आयोजन करने हेतु कार्ययोजना बनाई जाए। मंत्री ने कहा कि रोजगार के अवसरों को बढ़ाने में स्टार्टअप की विशेष भूमिका हो सकती है, इसके लिए युवाओं को ध्यान में रखकर फंडिंग योजना पर ध्यान दिया जाए तथा उन्हे प्रोत्साहित किया जाये। उन्होने निर्देश दिया कि केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही विशेष औद्योगिक योजनाओं का लाभ समन्वय बनाकर प्रदेश के विभिन्न श्रेणी के उद्यमियों को दिया जाना सुनिश्चित करें।

मंत्री ने रीको के अधिकारियों को निर्देशित किया कि नवीन औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना करते समय उसकी उपयोगिता, कार्य गुणवत्ता, समयबद्धता का विशेष ध्यान रखा जाये ताकि उनमे अतिशीघ्र उद्योग स्थापित हों व प्रदेश के युवाओं को रोजगार के नवीन अवसर मिले। उन्होंने कहा कि प्रदेश के औद्योगिक विकास को बढ़ाने के लिए सभी को मिलकर कार्य करना होगा व इसके लिए विशेषज्ञता के साथ कार्य करें। उन्होने कहा कि अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के राज्य सरकार के संकल्प की क्रियान्विति में उद्योग विभाग की भूमिका महत्वपूर्ण है।

निर्देश दिया कि निवेश के दौरान उसके रेवेन्यू मॉडल का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए, ताकि निवेश की उत्पादकता में इजाफा हो। उन्होने निर्देशित किया की वन स्टॉप सेंटर को और अधिक सरल बनाया जाये। उन्होने निर्देश दिया कि केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन किया जाये ताकि धरातल पर परिवर्तन नजर आए।

उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि 100 दिवसीय कार्य योजना में दोहराव से बचा जाये व उसके लक्ष्यों की प्राप्ति हेतु योजना के अनुरूप कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी अपने कार्यों को पूर्णनिष्ठा, ईमानदारी से पूरा करें। उन्होने निर्देश दिया कि फाइलों का निस्तारण तय समयावधि में किया जाये।

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