Rajasthan News: शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा है कि महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में टीचर्स की पर्याप्त संख्या और भवनों की स्थिति का मूल्यांकन किया जाए, उसके बाद आगे की दिशा तय होगी।
स्कूल शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में रिक्त पदों को भरने के लिए आवश्यक एक्सरसाइज करे और शिक्षकों एवं कार्मिकों की पदोन्नति के लंबित प्रकरणों का समयबद्ध रूप से निस्तारण किया जाए। उन्होंने प्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रावधानों को लागू करने के लिए रोड मैप निर्धारित करने के भी निर्देश दिए।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि विद्यार्थियों का हित हमारे लिए सर्वाेपरि है, इसे केन्द्र में रखकर विभागीय गतिविधियों का प्रभावी संचालन किया जाए। अधिकारी, शिक्षक और कार्मिक भी विभागीय टीम के महत्वपूर्ण अंग है, मगर इनको इस कीमत पर कोई ऐसी राहत नहीं दी जा सकती है, जिससे सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत हमारे लाखों विद्यार्थियों का कोई अहित हो। अब अधिकारियों, शिक्षकों और कार्मिकों को विभाग में सजगता के साथ अपने कर्तव्य का पालन करना होगा। उन्होंने कहा कि सभी स्कूलों में सभी श्रेणी के टीचर्स सहित प्रधानाध्यापक, प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल निर्धारित नॉर्म्स के अनुसार कक्षाओं में अध्यापन कराएं, इसकी पुख्ता मॉनिटरिंग सुनिश्चित की जाए। इसके साथ ही नई नियुक्तियों के जरिए विद्यालयों में रिक्त शैक्षिक पदों को प्राथमिकता के आधार पर भरने के निर्देश दिए।
प्रदेश में गरीब परिवारों की बालिकाएं बड़ी संख्या में सरकारी विद्यालयों में प्रवेश लेकर अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करे, इस पर विशेष फोकस किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विद्यालय शिक्षा के मंदिर है, ये हमेशा साफ-सुथरे रहे, इसके लिए इनमें साफ-सफाई और स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाए, इससे स्कूलों में पढ़ाई के लिए आदर्श माहौल बनेगा। स्कूलों में पुस्तकालयों की स्थिति में सुधार और रैक्स जैसे आवश्यक संसाधनों की पूर्ति करने के लिए अतिरिक्त प्रयास किए जाए, जिससे वहां विद्यार्थी ज्ञानवर्धक पुस्तकों का अधिकतम सदुपयोग कर सके।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों के शिक्षक, शिक्षक ही बने रहे, उनकी सेवाओं का गैर शैक्षिक कार्यों में अनावश्यक रूप से उपयोग नहीं हो इसकी विभागीय अधिकारियों के स्तर पर सतत मॉनिटरिंग की जाए। चाहे कम्प्यूटर विषय के शिक्षक हो या फिर अन्य विषयों के अध्यापक चुनाव जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में सीमित अवधि के लिए ही उनकी सेवाएं ली जाए, कहीं पर भी अध्यापक लम्बे समय तक अपने मूल कार्य को छोड़कर अन्यत्र सेवाएं नहीं दे, इसे सुनिश्चित किया जाए।
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