
Rajasthan News: राजस्थान हाईकोर्ट ने बच्चों के सोशल मीडिया उपयोग पर गंभीरता दिखाई है और 11 साल की बच्ची और उसके 7 साल के भाई की कस्टडी दादा-दादी से लेकर उनकी मां को सौंप दी है। हालांकि, अदालत ने बच्चों को हर रविवार दोपहर 12 बजे से शाम 5 बजे तक दादा-दादी से मिलने की अनुमति दी है। यह बच्चे अपने पिता की मौत के बाद दादा-दादी के पास रह रहे थे।

जस्टिस पंकज भंडारी की अदालत ने टिप्पणी की कि बच्ची वीडियो बनाकर उसे एडिट करने के बाद यूट्यूब पर अपलोड कर रही थी, लेकिन उसके दादा-दादी ने इस पर कोई निगरानी नहीं रखी। अदालत ने इसे गंभीर लापरवाही माना। मां ने अदालत में याचिका दायर करते हुए बच्चों की कस्टडी लेने की मांग की थी। सुनवाई के दौरान मां ने अपनी बच्ची का यूट्यूब चैनल अदालत में दिखाते हुए कहा कि दादा-दादी उसे सही तरीके से नहीं देख रहे हैं, और बच्ची उनके सामने ही यूट्यूब पर वीडियो और रील्स अपलोड करती है, लेकिन दादा-दादी उसे रोकते नहीं हैं।
अदालत ने कहा कि बिना निगरानी के छोटे उम्र के बच्चों का सोशल मीडिया उपयोग खतरनाक हो सकता है और उन्हें साइबर हमलों का शिकार बना सकता है। इसके अलावा, बच्ची अपने पिता का मोबाइल इस्तेमाल कर रही थी, जिससे उसकी कमाई किसी और के पास जा रही थी। अदालत ने यह भी कहा कि मां बच्चों की प्राकृतिक संरक्षक है, और उनके सर्वोत्तम हित को ध्यान में रखते हुए कस्टडी मां को सौंपी जाती है। अदालत ने यह भी माना कि मां शिक्षित और आत्मनिर्भर है, जिससे वह बच्चों को एक बेहतर भविष्य दे सकती है।
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