Rajasthan News: जयपुर हेरिटेज नगर निगम की पूर्व मेयर मुनेश गुर्जर और उनके पति सुशील गुर्जर समेत 9 पार्षदों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। पूर्व एडिशनल कमिश्नर राजेंद्र कुमार वर्मा के साथ बदसलूकी, बंधक बनाने और जातिसूचक टिप्पणियों जैसे गंभीर आरोपों के मामले में राजकार्य में बाधा डालने के तहत माणक चौक थाना में एफआईआर दर्ज है। अब हाईकोर्ट से राहत की उम्मीद लगाए आरोपियों को बड़ा झटका लगा है, क्योंकि कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने और एफआईआर रद्द करने की याचिका खारिज कर दी है।

गिरफ्तारी की संभावना, मंत्री ने दिए सख्त संकेत

यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा है कि वे गृह राज्य मंत्री और पुलिस अधिकारियों से संपर्क कर आज ही दोषियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के निर्देश देंगे। मंत्री ने यह भी कहा कि गिरफ्तारी के बाद विभागीय जांच करवा कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

क्या है मामला?

यह पूरा मामला अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के बीच टकराव से जुड़ा है। वर्ष 2023 में जयपुर नगर निगम हेरिटेज के तत्कालीन एडिशनल कमिश्नर राजेंद्र वर्मा और जनप्रतिनिधियों के बीच विवाद उस वक्त बढ़ गया था, जब पूर्व मेयर मुनेश गुर्जर, डिप्टी मेयर असलम फारूकी और अन्य पार्षदों ने वर्मा के खिलाफ धरना दिया था। आरोप लगाया गया था कि वर्मा जनप्रतिनिधियों के साथ दुर्व्यवहार कर रहे हैं।

वर्मा ने अपनी शिकायत में कहा कि उन्हें तीन घंटे तक जबरन चेंबर में बैठाकर रखा गया और फाइलों पर दस्तखत करने के लिए दबाव बनाया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मुनेश गुर्जर, उनके पति और अन्य पार्षदों ने उनके साथ जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया और मानसिक प्रताड़ना दी। अब जब हाईकोर्ट से भी राहत नहीं मिली, तो पुलिस किसी भी वक्त इन जनप्रतिनिधियों की गिरफ्तारी कर सकती है।

पढ़ें ये खबरें