Rajasthan News: राजस्थान के डीग जिले के श्री जड़खोर धाम में 22 सितंबर से 1 अक्टूबर तक चल रहे गो आराधन महोत्सव में दो संतों की विवादित बयानबाजी ने सुर्खियां बटोरी हैं। पुरी के जगन्नाथ धाम से आए संत विशुद्धानंद महाराज और मलूक पीठाधीश्वर स्वामी राजेंद्र दास महाराज के बयानों ने सोशल मीडिया पर तीखी चर्चा छेड़ दी है।

संत विशुद्धानंद महाराज ने विश्व हिंदू परिषद के संरक्षक की मौजूदगी में हिंदुओं को कम से कम चार बच्चे पैदा करने की नसीहत दी। उन्होंने एक बच्चा पैदा कर उसे विदेश भेजने वालों को “देशद्रोही” करार देते हुए फांसी की सजा की वकालत की। उनके मुताबिक, हिंदुओं में राष्ट्रभक्ति की कमी है और अधिक बच्चे होने से धर्म व राष्ट्र की सेवा में योगदान बढ़ेगा। उन्होंने कहा, “जो हिंदू एक बच्चा पैदा कर उसे विदेश भेजता है, वह हमारी संस्कृति और धर्म को नष्ट करता है। ऐसे लोगों को संतों का आशीर्वाद नहीं मिलेगा। कम से कम तीन बच्चे पैदा करने वालों को ही आशीर्वाद दिया जाएगा।”

तंबाकू को गौ मांस के बराबर पाप

वहीं, स्वामी राजेंद्र दास महाराज ने व्यसन को जीवन बर्बादी का सबसे बड़ा कारण बताया। उन्होंने तंबाकू के सेवन को गौ मांस खाने के बराबर पाप करार दिया और इसे मुस्लिम परंपरा का हिस्सा बताते हुए हिंदू संस्कृति से अलग ठहराया। कबीरदास की पंक्तियों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, “नशा करके ध्यान करने, गृहस्थ होकर ज्ञान देने, या साधु होकर अनैतिक कार्य करने वाले ठग हैं। ऐसे लोग भगवान का स्मरण नहीं कर सकते।”

महोत्सव में देशभर से संतों की भागीदारी

नवरात्र के अवसर पर श्री जड़खोर गोधाम में आयोजित यह गो आराधन महोत्सव 22 सितंबर से शुरू हुआ और 1 अक्टूबर तक चलेगा। इसमें देशभर से कई संत और महात्मा हिस्सा ले रहे हैं। हालांकि, विशुद्धानंद और राजेंद्र दास के बयानों ने इस धार्मिक आयोजन को विवादों के केंद्र में ला दिया है। इन बयानों का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिससे लोगों के बीच तीखी बहस छिड़ गई है।

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