Rajasthan News. राजस्थान के कोटा (Kota) और झालावाड़ (Jhalawar) जिलों में रविवार को करंट लगने से तीन बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई. पुलिस के अनुसार, दोनों घटनाओं में बिजली कंपनी की लापरवाही सामने आई है.

कोटा में करंट लगने से हादसा

महावीर नगर थाना क्षेत्र की टीचर्स कॉलोनी में 11 वर्षीय करण बिजली के तार में फंसी पतंग को उतारने की कोशिश कर रहा था. पुलिस के मुताबिक, पतंग के मांझे पर धातु पाउडर की परत होने के कारण उसे करंट लग गया. पास में खड़ा उसका 9 वर्षीय भाई राहुल भी करंट की चपेट में आ गया.

थाना प्रभारी महेंद्र मारू ने मीडिया को बताया कि करण की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि राहुल को अस्पताल ले जाया गया. प्राथमिक उपचार के बाद उसे छुट्टी दे दी गई.

झालावाड़ में हाई-टेंशन तार से हादसा

झालावाड़ के अकलेरा कस्बे में 10 वर्षीय देवकरण मीणा और 8 वर्षीय यश बागड़ी अपने घर के बाहर खेत में खेल रहे थे. खेलते समय उन पर हाई-टेंशन तार गिर गया, जिससे दोनों बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि स्थानीय लोग बच्चों को तुरंत अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

बिजली कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज

कोटा और झालावाड़ दोनों ही घटनाओं में परिजनों ने बिजली कंपनी पर लापरवाही का आरोप लगाया है. कोटा में करण की मौत के मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है. वहीं, झालावाड़ में नाराज परिजनों ने भी पुलिस में शिकायत दी, जिसके आधार पर बिजली कंपनी के खिलाफ केस दर्ज किया गया.

लोगों में आक्रोश, सुरक्षा की मांग

इन घटनाओं ने स्थानीय लोगों में गुस्सा भर दिया है. उनका कहना है कि प्रशासन को बिजली तारों (High-Tension Wires) की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए. लोग बिजली व्यवस्थाओं में सुधार और ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे हैं.

परिवार का रो-रोकर बुरा हाल

इन हादसों से दोनों परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. पोस्टमार्टम (Postmortem) के बाद शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं. गांव में मातम का माहौल है, और लोग प्रशासन से न्याय की मांग कर रहे हैं.

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