Rajasthan News: राजस्थान में नई सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार हो चुका है। इनमें 12 कैबिनेट और 5 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 5 राज्य मंत्री हैं, लेकिन श्रीकरणपुर के प्रत्याशी सुरेंद्रपाल सिंह टीटी को मंत्री बनाए जाने को लेकर विवाद बढ़ गया है।

कांग्रेस ने टीटी को मंत्री बनाए जाने को लेकर सवाल खड़ा किया है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसे आचार संहिता का उल्लंघन बताया है तो वहीं कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने मुख्य चुनाव आयुक्त राजस्थान और जिला कलेक्टर गंगानगर से शिकायत किया है।

सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा, श्रीकरणपुर में 5 जनवरी को होने वाले मतदान की आचार संहिता के प्रभावी होने के बावजूद वहां से भाजपा प्रत्याशी को मंत्री बनाना आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन एवं वहां के मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास है। चुनाव आयोग को इस पर संज्ञान लेकर अविलंब कार्रवाई करनी चाहिए। इस तरह के असंवैधानिक कदम उठाना लोकतंत्र में दुर्भाग्यपूर्ण है। यह भाजपा आलाकमान के अहंकार को दर्शाता है।

वरिष्ठ भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ ने लिखा, संविधान की तीसरी अनुसूची के अनुसार ली गई शपथ किसी प्रकार की आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है। पूर्ववर्ती सरकार में भी मंत्री पद पर रहते हुए दर्जनों मंत्रियों ने चुनाव लड़ा है। इसलिए श्री सुरेन्द्रपाल सिंह टीटी की राज्यमंत्री के रूप में ली गई शपथ संविधान के प्रावधानों के अनुरुप ही है।

क्या है कहता है संविधान

अनुच्छेद 164(4) के अनुसार, कोई मंत्री यदि निरंतर 6 माह की अवधि तक राज्य के विधानमंडल का सदस्य नहीं होता है तो उस अवधि की समाप्ति पर मंत्री का कार्यकाल भी समाप्त हो जाएगा। संविधान के आर्टिकल 164 (4) में निहित प्रावधानों के तहत किसी भी व्यक्ति को बिना निर्वाचित हुए 6 माह तक मंत्री पद धारण करने का अधिकार है। इस संवैधानिक प्रावधान के अनुसार मुख्यमंत्री की सलाह पर महामहिम राज्यपाल महोदय द्वारा किसी भी व्यक्ति को मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है।

बता दें कि श्रीगंगानगर जिले की श्रीकरणपुर विधानसभा सीट पर 5 जनवरी 2024 को मतदान होना है। यहां से कांग्रेस उम्मीदवार गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन के बाद चुनाव स्थगित हुआ था। भाजपा ने यहां से सुरेंद्रपाल सिंह टीटी को प्रत्याशी बनाया है।

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