Rajasthan News: राजस्थान के बाड़मेर जिले में शिक्षा और अल्पसंख्यक विभाग के बीच जारी आदेशों की गड़बड़ी ने अजीब हालात खड़े कर दिए हैं. करीब डेढ़ महीने से अल्पसंख्यक विभाग में कार्यक्रम अधिकारी के एक ही पद पर दो-दो अधिकारी तैनात हैं.

इससे विभागीय कर्मचारियों में असमंजस की स्थिति है और दोनों अधिकारियों के बीच लगातार टकराव की खबरें सामने आ रही हैं. कभी उपस्थिति रजिस्टर को लेकर विवाद हो रहा है तो कभी ऑफिस के दरवाजे बंद मिलने पर बवाल मच जाता है.

मामला कैसे शुरू हुआ?

फरवरी 2025 से शिक्षा विभाग से डेपुटेशन पर आए प्रबोधक अमीन खां अल्पसंख्यक विभाग में कार्यक्रम अधिकारी के पद पर काम कर रहे हैं. इसी बीच 14 जुलाई को शिक्षा निदेशक ने हाजी का तला तामलियार से प्रबोधक हजारीराम लीलड़ को भी उसी पद पर डेपुटेशन पर भेजने का आदेश जारी कर दिया. हालांकि अल्पसंख्यक विभाग की ओर से न तो अमीन खां को कार्यमुक्त करने का आदेश आया और न ही हजारीराम की नियुक्ति स्वीकार करने का. ऊपर से अल्पसंख्यक विभाग के निदेशक ने शिक्षा विभाग के आदेश को तर्कसंगत नहीं बताते हुए रोकने का इशारा दिया.

एक अधिकारी के रहते दूसरे ने कार्यभार संभाला

शिक्षा विभाग के आदेश के आधार पर हजारीराम ने 17 जुलाई को विभागीय कार्मिकों की मौजूदगी में पदभार ग्रहण कर लिया. उस दिन अमीन खां जयपुर में थे. हजारीराम ने उसी दिन नया उपस्थिति रजिस्टर शुरू कर उसमें हस्ताक्षर करना शुरू कर दिया. अगले दिन जब अमीन खां लौटे तो उन्होंने हजारीराम को न तो पुराना रजिस्टर सौंपा और न ही नया रजिस्टर मान्य किया. इसके बाद से दोनों अधिकारी अलग-अलग रजिस्टरों में साइन कर रहे हैं.

दफ्तर खुलने को लेकर भी टकराव

तनाव सोमवार को और बढ़ गया जब हजारीराम समय पर 9 बजे दफ्तर पहुंचे, लेकिन उनका आरोप है कि जानबूझकर कार्यालय 10 बजे तक नहीं खोला गया और उनके कमरे पर ताला जड़ा रहा. वहीं अल्पसंख्यक विभाग के कर्मचारियों ने सफाई दी कि दफ्तर तो समय पर खुल गया था, लेकिन स्टोर रूम की चाबी एक कार्मिक के पास थी जो देर से आया. चाबी मिलते ही वह कमरा भी खोल दिया गया. कर्मचारियों का कहना है कि हजारीराम जो आरोप लगा रहे हैं वह गलत है, और उनका उपस्थिति रजिस्टर उनके पास ही रहना चाहिए.

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