Rajasthan News: संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने गुरूवार को राज्य विधान सभा में कहा कि शेरगढ़ विधान सभा क्षेत्र की ग्राम सेवा सहकारी समितियों में कार्यरत दो व्यवस्थापकों को आरोप प्रमाणित होने पर तुरन्त प्रभाव से निलम्बित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभियोजन स्वीकृति प्राप्त होते ही दोनों व्यवस्थापकों के विरूद्ध सक्षम न्यायालय में चालान प्रस्तुत कर दिया जाएगा। वहीं, ग्राम सेवक की भूमिका की जिला परिषद्, जोधपुर के सीईओ की निगरानी में जांच की जाएगी तथा जांच में सामने आये तथ्यों के अनुरूप कार्रवाई की जाएगी।

संसदीय कार्य मंत्री शेरगढ़ विधायक बाबूसिंह राठौड़ द्वारा इस सम्बन्ध में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से उठाये गए मामले का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि दो व्यवस्थापकों के विरूद्ध विभिन्न प्रकार की शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जिनका एसीबी, जोधपुर द्वारा गोपनीय स्तर पर सत्यापन करवाया गया। इनमें से भूपसिंह वर्तमान में ग्राम सेवा सहकारी समिति, सोलंकिया तला और खेतसिंह वर्तमान में ग्राम सेवा सहकारी समिति, सेखाला में कार्यरत है। गोपनीय सत्यापन में यह तथ्य सामने आया कि दोनों व्यवस्थापकों की आय के वैध स्रोतों से अधिक की आय हुई है। इस पर आरोपियों के विरूद्ध मामला दर्ज कर जांच की गई, जिसमें आरोप सही पाये गए।

संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि आरोपी भूपसिंह के विरूद्ध सक्षम न्यायालय में चालान प्रस्तुत करने का निर्णय 11 मई, 2024 को लिया गया। प्रकरण में अभियोजन स्वीकृति के लिए प्रस्ताव सक्षम अधिकारी को 3 जुलाई, 2024 को भेजा जा चुका है तथा अभियोजन की स्वीकृति प्राप्त होना शेष है। इसी प्रकार, खेतसिंह के विरूद्ध भी 29 जून, 2024 को प्रस्ताव अभियोजन स्वीकृति के लिए भेज दिया गया है तथा अभियोजन स्वीकृति प्राप्त होना शेष है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के ध्यान में मामला आने के बाद समुचित तरीके से कार्यवाही की गई है। दोनों आरोपियों के विरूद्ध जल्द से जल्द अभियोजन स्वीकृति का प्रयास किया जाएगा।

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