Rajasthan News: मुख्य सचिव सुधांश पंत ने निर्देश दिये कि भिवाड़ी क्षेत्र में उपचारित औद्योगिक जल एवं सीवेज को प्राथमिकता से पुनः उपयोग में लेने के पश्चात अतिरिक्त जल को जलाशयों में छोड़ा जाना सुनिश्चित किया जाये। मंगलवार को पंत शासन सचिवालय में राष्ट्रीय राजमार्ग 48 पर धारूहेड़ा के पास जल भराव स्थिति की समीक्षा एवं समस्या के समाधान के लिए आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक की समीक्षा कर रहे थे।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिये कि घरेलू शोधित जल का उपयोग बागवानी, कृषि कार्यों, सड़कों पर छिड़काव एवं भवन निर्माण आदि में करना सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने कहा कि भिवाड़ी नगर परिषद, द्वारा सीवर लाईन एवं घरेलू कनेक्शन से सम्बन्धित कार्य तुरन्त पूर्ण किया जाये। नगर परिषद, भिवाड़ी द्वारा अलग-अलग क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार छोटे एसटीपी की सम्भावना भी तलाशी जाये जिससे शोधित जल का उपयोग स्थानीय स्तर पर हो सके। औद्योगिक इकाईयो के दूषित जल का निकास सीईटीपी कन्ड्यूट सुनिश्चित किया जाकर अन्य निकास बन्द कराये जायें।
मुख्य सचिव ने कहा कि औद्योगिक इकाईयों द्वारा सीईटीपी उपचारित जल का उपयोग सुनिश्चित किया जाये, इसके लिए उद्योगों से एमओयू किए जाने पर भी विचार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक इकाईयों द्वारा भूमिगत जल निकासी बन्द कर सीईटीपी उपचारित जल का उपयोग सुनिश्चित किया जाये तथा भिवाड़ी के ड्रेनेज सिस्टम की सफाई एवं क्षमता विस्तार का कार्य आगामी मानसून से पूर्व समयबद्ध तरीके से पूर्ण किया जाये।
बैठक के प्रारम्भ में उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री अजिताभ शर्मा द्वारा भिवाड़ी एवं इसके आसपास के क्षेत्र में जलभराव की समस्या के कारणों, वर्तमान में व्याप्त दूषित जल तथा शहरी सीवेज उपचार के संसाधनों आदि के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि भिवाड़ी क्षेत्र की जल समस्या का प्रमुख कारण औद्योगिक व शहरी विकास की वजह से दूषित पानी का अत्यधिक एकत्रीकरण तथा इस जल के उपचार पश्चात् शोधित जल में औद्योगिक इकाईयों एवं घरों का दूषित जल पुनः मिल जाना है। इसके लिए भिवाड़ी क्षेत्र में औद्योगिक इकाईयों एवं घरों से निकलने वाले दूषित जल के शोधन हेतु संचालित सीईटीपी एवं एसटीपी को आदर्श रूप से संचालित करने की आवश्यकता है।
नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन विभाग के प्रमुख शासन सचिव टी. रविकान्त ने अवगत कराया कि भिवाड़ी नगर परिषद द्वारा वर्तमान में घरेलू दूषित पानी के शोधन हेतु 9.5 एमएलडी क्षमता के 4 एसटीपी संचालित किये जा रहे हैं, जिनके द्वारा प्रतिदिन 7 एमएलडी से अधिक दूषित पानी का शोधन किया जा रहा है। अमृत-2 योजना के अन्तर्गत नगर परिषद्, भिवाड़ी द्वारा 34 एमएलबी क्षमता का नया एसटीपी लगाया जाना प्रक्रियाधीन है।
खैरथल—तिजारा जिले के कलक्टर हनुमान मल ढाका ने बताया कि हरियाणा की तरफ स्लोप होने के कारण पानी प्राकृतिक रूप से धारूहेड़ा की तरफ जाता है लेकिन हरियाणा के निवासियों द्वारा एनएच-919 पर अवरोध कर देने से हरियाणा की सीमा पर भिवाड़ी में जल भराव की समस्या पैदा हो गई है।