Rajasthan News: राजस्थान में 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस और गंगादशमी के अवसर पर ‘वंदे गंगा’ जल संरक्षण जन अभियान की शुरुआत होने जा रही है। इस अभियान का लक्ष्य आम लोगों को जोड़कर जल संरक्षण को एक जन आंदोलन का रूप देना है। इस दौरान नदियों, तालाबों, और अन्य जल स्रोतों पर जल पूजन, कलश यात्रा, स्वच्छता अभियान, जागरूकता कार्यक्रम, जल संग्रहण संरचनाओं का उद्घाटन और नई संरचनाओं का शिलान्यास जैसे विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

जल संरक्षण के लिए जनभागीदारी पर जोर

राज्य के जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस अभियान को समयबद्ध तरीके से लागू करने के लिए सभी विभागों में समन्वय स्थापित किया जाए। उन्होंने कहा कि यह अभियान ‘मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान’, ‘जल शक्ति अभियान-जन सहभागिता’, ‘हरियालो राजस्थान’ और ‘कर्म भूमि से मातृ भूमि’ जैसे मौजूदा अभियानों को और अधिक जन-केंद्रित बनाएगा। भामाशाहों, जनप्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संगठनों और आम लोगों को इस अभियान से जोड़कर इसे व्यापक स्तर पर ले जाया जाएगा। सरकार ने जलग्रहण विकास और भू-संरक्षण विभाग को इस अभियान का नोडल विभाग नियुक्त किया है।

भूजल संकट की गंभीर स्थिति

राजस्थान में भूजल की स्थिति चिंताजनक है। भूजल विभाग के आंकड़ों के अनुसार, राज्य के 302 ब्लॉकों में से 216 में अत्यधिक भूजल दोहन हो रहा है, और केवल 38 ब्लॉक ही सुरक्षित श्रेणी में हैं। भूजल का दोहन 148 प्रतिशत तक पहुंच चुका है, जिसके कारण न केवल जल स्तर गिर रहा है, बल्कि टीडीएस, नाइट्रेट और फ्लोराइड की बढ़ती मात्रा से पानी की गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है।

मंत्री सुरेश सिंह रावत ने कहा कि राजस्थान जैसे मरुस्थलीय राज्य में जल संरक्षण बेहद जरूरी है। यह अभियान न केवल जल स्रोतों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि भूजल स्तर को सुधारने और पानी की गुणवत्ता को बनाए रखने में भी मदद करेगा। सरकार का लक्ष्य इस अभियान को जन-जन तक पहुंचाकर जल संरक्षण को एक सामाजिक आंदोलन बनाना है, ताकि भविष्य में पानी की कमी से बचा जा सके।

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