Rajasthan News: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि संविधान की भावना के अनुरूप वंचित वर्गों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ना राज्य सरकार का ध्येय है। सीएम ने विमुक्त, घुमन्तू एवं अर्द्धघुमन्तू जनजातियों के 72वें मुक्ति दिवस पर कहा कि विमुक्त, घुमन्तू एवं अर्द्धघुमन्तू जनजातियों (डीएनटी) के विकास के लिए 50 करोड़ रूपए के कोष की स्थापना की गई है।

डीएनटी समाज की पारम्परिक कलाओं एवं उद्यम हेतु 5 करोड़ रूपए की राशि से डीएनटी रिसर्च एवं प्रिजर्वेशन सेन्टर बनाया जा रहा है। साथ ही, समाज के लोगों को ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध करवाने एवं कलाकारों को रोजगार एवं आर्थिक प्रोत्साहन देने का कार्य भी किया जा रहा है। समाज के विद्यार्थियों को आवास व शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए योजना लाई गई है। विमुक्त, घुमन्तू एवं अर्द्धघुमन्तू समुदाय के उत्थान के लिए शीघ्र ही डीएनटी पॉलिसी लाई जाएगी। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि विमुक्त, घुमन्तू एवं अर्द्धघुमन्तू जनजाति समुदाय (डीएनटी) ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसी वजह से अंग्रेजों ने क्रिमिनल ट्राइब्स एक्ट-1871 जैसा अत्याचारी कानून बनाकर इस समुदाय को प्रताड़ित किया। आजादी के बाद प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू ने 1952 में इस दमनकारी कानून को निरस्त कर विमुक्त, घुमन्तू एवं अर्द्धघुमन्तू जनजातियों पर हो रहे अन्याय को समाप्त किया। पंडित नेहरू ने ही 1955 में गाड़िया लोहार समुदाय को चित्तौड़गढ़ किले में प्रवेश दिलाया। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी द्वारा लिए गए निर्णयों से डीएनटी समाज सहित सभी वंचित वर्गों को पंचायतीराज संस्थाओं में राजनीतिक प्रतिनिधित्व मिला।

 हर वर्ष 31 अगस्त को मनाया जाएगा विमुक्त, घुमन्तू एवं अर्द्धघुमन्तू जनजाति दिवस

इस अवसर पर सीएम ने हर वर्ष 31 अगस्त को विमुक्त, घुमन्तू एवं अर्द्धघुमन्तू जनजाति दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछड़े वर्गों द्वारा अपने उत्थान के लिए सरकार से संबल प्राप्त करना उनका हक है। शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर बल देने एवं एकजुटता से ही वंचित समाजों की प्रगति संभव है। उन्होंने उपस्थित लोगों से अपने बच्चों को पढ़ाने का संकल्प लेने का आह्वान किया।

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