Rajasthan News: राजस्थान का श्रीगंगानगर जिला, जिसे राज्य का अन्न भंडार कहा जाता है, इस समय गंभीर जल संकट से जूझ रहा है। खेतों की जीवनरेखा मानी जाने वाली बीकानेर कैनाल और गंगनहर में पानी की कमी से फसलें सूख रही हैं और किसान गुस्से में हैं।

राजस्थान को तय हिस्से से कम पानी

राजस्थान के हिस्से में 2500 क्यूसेक पानी तय है, लेकिन खखां हेड पर सिर्फ 1628 क्यूसेक पानी ही पहुंच रहा है। इससे हजारों हेक्टेयर में बोई गई धान, कपास और मूंग जैसी फसलें मुरझा रही हैं। किसानों का कहना है कि जुलाई की बारिश के बाद उम्मीद जगी थी, लेकिन अगस्त की तेज गर्मी और पानी की कमी ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया।

पाकिस्तान की ओर बह रहा हजारों क्यूसेक पानी

हरिके हेड वर्क्स इस पूरे संकट का केंद्र है। यहीं से बीकानेर कैनाल और गंगनहर को पानी मिलता है। किसानों का आरोप है कि भाखड़ा और पोंग बांधों में पानी की पर्याप्त आवक होने के बावजूद राजस्थान को उसका हक नहीं मिल रहा।

  • हरिके हेड से हुसैनीवाला की ओर 28 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
  • पाकिस्तान की ओर 25 हजार क्यूसेक पानी बह रहा है।
  • फिरोजपुर फीडर में 8,900 क्यूसेक और सरहिंद फीडर में 5,700 क्यूसेक पानी दिया जा रहा है।

इसके उलट बीकानेर कैनाल को 15,000 क्यूसेक मिलना चाहिए था, लेकिन फिलहाल सिर्फ 12,000 क्यूसेक पानी पहुंच रहा है। यही वजह है कि किसान सवाल उठा रहे हैं अगर भारत का पानी पाकिस्तान जा सकता है, तो राजस्थान के खेत क्यों प्यासे हैं?”

सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र

पानी की इस कमी से श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और बीकानेर के किसान बुरी तरह प्रभावित हैं। इन जिलों में धान और कपास की फसलें पानी पर टिकी हैं। इंदिरा गांधी नहर और भाखड़ा प्रणाली, जिन पर राजस्थान के 15 जिलों की प्यास निर्भर है, आज खाली पड़ी हैं।

बंटवारे में असमानता और नहरबंदी की समस्या

भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) पांच राज्यों राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और दिल्ली को पानी का बंटवारा करता है। लेकिन किसानों का आरोप है कि बार-बार राजस्थान को कम पानी मिलता है।

  • हरिके हेड से ज्यादा पानी पंजाब और हरियाणा की ओर मोड़ा जा रहा है।
  • इंदिरा गांधी नहर की री-लाइनिंग और RD 45 की सफाई के लिए बार-बार नहरबंदी की जाती है।
  • 2023 में 65 दिन की नहरबंदी का फैसला हुआ था, जबकि राजस्थान सरकार ने इसे 60 दिन करने की मांग की थी।

इस देरी और कटौती से राजस्थान की नहरों में लगातार पानी की आपूर्ति बाधित होती रही। सोशल मीडिया से लेकर धरातल तक किसान अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। उनका कहना है कि केंद्र सरकार एक बूंद पानी पाकिस्तान न जाने देने की बात करती है, लेकिन राजस्थान को उसका तय हिस्सा भी नहीं मिल रहा।

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