Rajasthan News: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भजनलाल सरकार से चिरंजीवी परिवारों की महिला मुखियाओं को मुफ्त स्मार्टफोन देने की योजना दोबारा शुरू करने की मांग की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक विस्तृत पोस्ट लिखकर इस योजना के लाभों को गिनाया और इसे बंद करने के फैसले को संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन बताया।

गहलोत ने किया सरकार पर हमला

गहलोत ने लिखा कि मौजूदा मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री बार-बार 88,000 टैबलेट वितरण का उदाहरण देते हैं, लेकिन यह योजना कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में घोषित की गई थी। उन्होंने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि उसने महिलाओं को स्मार्टफोन देने की योजना को रोक दिया, जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था।

सवा साल में नहीं बांटा एक भी स्मार्टफोन

गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार ने 1 करोड़ 19 लाख चिरंजीवी परिवारों की महिला मुखियाओं को तीन साल की इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ स्मार्टफोन देने की शुरुआत की थी। पहले चरण में लगभग 35 लाख महिलाओं को स्मार्टफोन वितरित किए गए थे, लेकिन भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही इस योजना को बंद कर दिया। उन्होंने दावा किया कि योजना के लिए बजट भी आवंटित किया गया था, बावजूद इसके सरकार अब तक एक भी स्मार्टफोन वितरित नहीं कर सकी।

योजना थी रिसर्च और डेटा पर आधारित

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना कोई ‘रेवड़ी कल्चर’ नहीं थी, बल्कि इसे रिसर्च और आंकड़ों के आधार पर लागू किया गया था। उन्होंने आईटी मंत्रालय, इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकॉनमिक रिलेशनंस और इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या 10% बढ़ने पर GDP में 1.08% की बढ़ोतरी होती है। अगर महिलाओं के स्मार्टफोन उपयोग को बढ़ावा मिलता, तो इससे राज्य की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती।

पीएम मोदी के वादे की याद दिलाई

गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनावी वादे की भी याद दिलाई, जिसमें उन्होंने कांग्रेस सरकार की किसी भी योजना को बंद न करने का आश्वासन दिया था। उन्होंने कहा कि प्रदेश की महिलाएं अब भी इस योजना के फिर से शुरू होने का इंतजार कर रही हैं। भाजपा सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार कर इसे जल्द बहाल करना चाहिए।

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