Rajasthan News: जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश ने विगत 6 माह में जल उपलब्धता के नये आयाम स्थापित किये हैं। बजट में लिये गए 10 संकल्पों में भी पानी की उपलब्धता, किसानों का आर्थिक सशक्तीकरण और पर्यावरण संरक्षण सहित परफॉर्म, रिफॉर्म और ट्रांसफॉर्म का संकल्प शामिल है। उन्होंने कहा कि समृद्ध राजस्थान की परिकल्पना को साकार करने के लिए इस वित्तीय वर्ष में जल संसाधन और इंदिरा गांधी नहर विभाग के लिए 6556 करोड़ रुपये से अधिक का बजट आवंटन किया गया है।

मंत्री विधानसभा में जल संसाधन एवं इंदिरा गांधी नहर परियोजना विभाग (मांग संख्या-42) की अनुदान मांग पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद सदन ने जल संसाधन एवं इंदिरा गांधी नहर परियोजना विभाग की 65 अरब 56 करोड़ 98 लाख 73 हजार रूपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी।

जल संसाधन मंत्री ने कहा कि संशोधित पी.के.सी. लिंक परियोजना को मूर्त रूप देने के लिए केन्द्र सरकार, राजस्थान सरकार एवं मध्य प्रदेश सरकार के बीच 28 जनवरी, 2024 को एमओयू किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने राज्य की पेयजल आवश्यकता को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए भारत सरकार से पत्राचार कर संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चम्बल लिंक परियोजना को क्रियान्वित करने की अनुमति प्राप्त की गई। साथ ही, कार्यों को शीघ्र प्रारम्भ करने के लिए कार्यादेश जारी कर जून, 2024 में अनुबंध भी किया जा चुका।

मंत्री रावत ने कहा कि इस परियोजना से राज्य के 13 जिलों की 3 करोड़ से अधिक जनसंख्या को पेयजल उपलब्ध हो सकेगा तथा 5 लाख किसान परिवारों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि परियोजना से उद्योगों को जल दिये जाने से उद्योगों का विकास होगा। इससे रोजगार सृजन होगा व विकसित राजस्थान का सपना साकार होगा।

जल संसाधन मंत्री ने कहा कि शेखावाटी क्षेत्र में पिछले 30 सालों से चली आ रही यमुना जल की मांग को पूरा करने के लिए 17 फरवरी, 2024 को यमुना जल के सम्बन्ध में राजस्थान, हरियाणा एवं केन्द्र सरकार के मध्य एमओयू हुआ है। उन्होंने बताया कि हथिनीकुंड बैराज (ताजेवाला) पर राजस्थान को आवंटित यमुना जल को प्रथम चरण में भूमिगत पाइपलाइन के माध्यम से लाये जाने की डीपीआर राजस्थान, हरियाणा एवं केन्द्र सरकार द्वारा संयुक्त रूप से तैयार की जाएगी।

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