जयपुर. महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री डॉ. मंजू बाघमार ने घोषणा की कि राज्य सरकार महिलाओं और बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए कृतसंकल्पित है. मंगलवार को विधानसभा में महिला एवं बाल विकास विभाग की अनुदान मांग पर बहस का जवाब देते हुए डॉ. बाघमार ने बताया कि प्रदेश में 2000 आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र बनाए जाएंगे, जिनमें प्ले स्कूल जैसी सुविधाएं होंगी.

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं के मानदेय में 10 प्रतिशत की वृद्धि की गई है. बाघमार ने कहा कि बच्चों को सप्ताह में तीन दिन दूध दिया जाएगा और बालिकाओं के सशक्तीकरण के लिए लाडो प्रोत्साहन योजना जैसी योजनाओं को लागू
किया जाएगा. वर्तमान में 62 हजार से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से पोषाहार, शाला पूर्व शिक्षा, टीकाकरण और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही हैं.

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत 85 हजार 500 महिलाओं को लाभ दिया गया है और प्रथम बच्चे के जन्म पर देय राशि को बढ़ाकर 6500 रुपए कर दिया गया है. राज्य सरकार ने 6204 मिनी आंगनबाड़ी केंद्रों को मुख्य आंगनबाड़ी केंद्रों में अपग्रेड किया है. बाघमार ने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं और बच्चों के विकास के लिए निरंतर प्रयासरत है और सामूहिक विवाह योजना जैसी योजनाओं के माध्यम से बाल विवाह जैसी कुरीतियों को रोकने के लिए काम कर रही है.

सबसे जरूरी पहलू

■ सदन ने महिला एवं बाल विकास विभाग की 32 अरब 12 करोड़ 10 लाख 34 हजार रुपए की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी.
■ अब योजना की पात्र महिलाओं को 5000 के स्थान पर 6500 रुपए मिलेंगे.
■ दिव्यांग गर्भवती महिलाओं को 6500 के स्थान पर 10 हजार रुपए दिए जाएंगे.
■ आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आने वाले लगभग 36 लाख बच्चों को उचित पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने के लिए सप्ताह में तीन दिन दूध मिलेगा.
■ प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र में 5.5 नवीन आंगनबाड़ी केन्द्र खोले जाएंगे.
■ साथिन मानदेयकर्मियों का मानदेय 5313 रुपए से बढ़ाकर 5844 रुपए प्रतिमाह किया गया है.