Rajasthan News: राजस्थान के अजमेर में एक टेंपो चालक तब सन्न रह गया जब उसे पता चला कि उसके बैंक खाते में दो साल पहले 2 करोड़ 58 लाख रुपये आए थे और वह रकम कुछ ही घंटों में ट्रांसफर भी कर दी गई. इस पूरे मामले का खुलासा तब हुआ जब उत्तर प्रदेश की गोरखपुर पुलिस जांच के सिलसिले में 16 सितंबर को अजमेर पहुंची.

टेंपो चालक को नहीं थी कोई जानकारी

अजमेर के अवधपुरी जॉन्स गंज निवासी विक्रम सिंह (पुत्र अमर सिंह) का खाता पंजाब नेशनल बैंक, फायसागर रोड शाखा में है. पुलिस ने जब उससे पूछताछ की तो उसे पहली बार पता चला कि वर्ष 2023 में उसके खाते में अचानक 2.58 करोड़ रुपये जमा हुए थे. महज तीन घंटे में यह पूरी राशि अलग-अलग खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर कर दी गई थी.

कैसे हुआ धोखा

विक्रम सिंह ने पुलिस को बताया कि 2023 में उसे पैसों की जरूरत थी. उस समय उसके इलाके में रहने वाला विक्की (पुत्र स्वर्गीय विजय सिंह) मदद के बहाने उसके पास आया. उसने खुद को बैंक कर्मचारी बताकर लोन दिलाने का झांसा दिया और विक्रम से आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य कागजात ले लिए. विक्रम ने भरोसा कर दस्तावेज उसे सौंप दिए.
बाद में इन्हीं दस्तावेजों के दुरुपयोग से विक्रम के खाते में करोड़ों की रकम डाली गई और तुरंत ट्रांसफर कर दी गई.

यूपी पुलिस की कार्रवाई

गोरखपुर पुलिस इस लेन-देन की जांच कर रही थी. इसी सिलसिले में टीम 16 सितंबर को अजमेर पहुंची और विक्रम से पूछताछ की. जांच के बाद पुलिस ने संबंधित संदिग्धों को नोटिस देकर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी.

अजमेर पुलिस को सौंपी शिकायत

विक्रम सिंह ने अब जिला पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा से मिलकर औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है. पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए बैंक खाते के लेन-देन और उपयोग किए गए दस्तावेजों की पड़ताल शुरू कर दी है. शुरुआती जांच में यह साफ है कि मामला बैंकिंग फ्रॉड और दस्तावेजों के दुरुपयोग से जुड़ा है.

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