Rajasthan Politics: राजस्थान में जहां चुनाव को महज 6 माह शेष हैं वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने कैबिनेट में मामूली फेरबदल किया है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार अर्जुन राम मेघवाल को सौंपा गया है। इसका मतलब यह है कि अब मेघवाल कानून संभालेंगे।

आपको बता दें कि अर्जुन राम मेघवाल पहले से ही संसदीय कार्य मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय के राज्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। मगर सियासी दिग्गज मेघवाल कद में अचानक हुई बढ़ोत्तरी के कई मायने निकाल रहे हैं।

बता दें कि अर्जुन राम मेघवाल राजस्थान के बीकानेर से सांसद हैं। भारतीय प्रशासनिक सेवा से स्वैच्छिक सेवानिवृति लेने के बाद उन्होंने 2009 में पहली बार भाजपा के टिकट पर बीकानेर से लोकसभा का चुनाव लड़ा था। उन्होंने 2014 और 2019 में भी अपनी जीत दर्ज की है। मेघवाल को साल 2016 में मोदी सरकार में वित्त राज्य मंत्री बनाया गया था। इसके बाद जल संसाधन राज्य मंत्री के रूप में भी उन्होंने जिम्मेदारी दी गई थी। बता दें उन्होंने बीकानेर के राजकीय डूंगर कॉलेज से बीए, एमए और एलएलबी की पढ़ाई की है।

मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में मई 2019 में संसदीय मामलों और भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम राज्य मंत्री, 2021 में उन्हें संस्कृति मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाया गया। अब उन्हें कानून मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार दिया गया है।

साइकिल से संसद पहुंचने वाले मेघवाल राजस्थान में भाजपा के दलित चेहरा हैं। वर्ष 2013 में उन्हें सर्वश्रेष्ठ सांसद का पुरस्कार भी मिल चुका है। बता दें कि राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में मेघवाल की पदोन्नति को राजस्थान में दलित मतदाताओं को साधने की कोशिश कहा जा सकता है।

बता दें कि राजस्थान विधानसभा में कुल 200 सीटें हैं। राजस्थान में दलित मतदाता भाजपा का ही वोट बैंक रहे हैं। प्रदेश की 34 सीटें अनुसूचित जाति और 25 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं।

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