Rajasthan Politics: राजस्थान की भजनलाल सरकार द्वारा हाल ही में 9 नए जिलों और 3 नए संभागों को रद्द करने के फैसले ने प्रदेश में राजनीतिक उथल-पुथल मचा दी है। खासतौर पर अनूपगढ़ जिले को रद्द करने के बाद वहां के लोगों और बीजेपी पदाधिकारियों में आक्रोश है। इस फैसले के विरोध में अनूपगढ़ के बीजेपी नगरमंडल के पदाधिकारियों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
कौन-कौन से जिले हुए रद्द?
गहलोत सरकार द्वारा बनाए गए 17 नए जिलों में से 9 जिलों को भजनलाल सरकार ने निरस्त कर दिया है। इनमें शामिल हैं:
- दूदू, केकड़ी, शाहपुरा, नीमकाथाना, अनूपगढ़, गंगापुरसिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, और सांचौर।
बाकी के 8 जिले, जैसे बालोतरा, कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल-तिजारा और सलूम्बर को यथावत रखा गया है।
3 नए संभाग भी रद्द
भजनलाल सरकार ने गहलोत सरकार में बनाए गए 3 नए संभाग (सीकर, पाली और बांसवाड़ा) को भी रद्द कर दिया है। अब राजस्थान में केवल 7 संभाग और 41 जिले रहेंगे।
अनूपगढ़ के BJP पदाधिकारियों ने दिया इस्तीफा
अनूपगढ़ जिले के निरस्त होने से नाराज भाजपा पदाधिकारियों ने पार्टी प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ को अपने इस्तीफे भेज दिए हैं। इस्तीफा देने वालों में शामिल हैं:
- मुकेश शर्मा – नगरमंडल अध्यक्ष
- राजेश शास्त्री – नगरमंडल उपाध्यक्ष
- अनीश जिंदल – कोषाध्यक्ष
- विनय चराया – भाजपा महामंत्री
- पवन तिवाड़ी – किसान मोर्चा अध्यक्ष
वहीं इस मामले में सरकार का कहना है कि राजस्थान में 1956 के बाद लंबे समय तक 26 जिले थे। गहलोत सरकार ने कार्यकाल के अंत में 17 नए जिले और 3 नए संभाग बनाने की घोषणा की थी, जो आचार संहिता से ठीक पहले की गई थी। उन्होंने कहा कि यह फैसला सही तरीके से नहीं लिया गया था।
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