Rajasthan Politics: राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत के एक बयान ने राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। जैतारण में हुए होलिका दहन समारोह के दौरान, डीएसपी और सीआई की मौजूदगी में, उन्होंने कहा, “मैंने पहले ही कह दिया था, बजरी का ट्रैक्टर मत पकड़ना।” उनके इस बयान का वीडियो वायरल होने के बाद नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने उन पर निशाना साधा है।

गहलोत का बयान और तर्क
गहलोत ने कहा कि बजरी ढोने वाले ट्रैक्टर चालकों को मुश्किल से 200-250 रुपये की मजदूरी मिलती है और उनकी कुल कमाई 500-600 रुपये प्रतिदिन से ज्यादा नहीं होती। उन्होंने लोगों से ईमानदारी से काम करने की अपील करते हुए कहा कि जैतारण का नाम खराब नहीं होना चाहिए।
टीकाराम जूली का पलटवार
टीकाराम जूली ने इस बयान को लेकर सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि मंत्री का यह बयान दर्शाता है कि प्रदेश में संगठित रूप से अवैध खनन को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि जैतारण क्षेत्र में बजरी के अवैध स्टॉक बनाए जा रहे हैं और ट्रकों में भरकर बेचा जा रहा है। जूली ने सरकार से इस मुद्दे पर जवाब देने की मांग की है।
राजनीतिक हलचल तेज
इस बयान के सामने आने के बाद राजस्थान की राजनीति गरमा गई है। विपक्ष ने सरकार पर अवैध खनन को संरक्षण देने का आरोप लगाया है, जबकि गहलोत के समर्थकों का कहना है कि उनका बयान मजदूरों की मुश्किलों को दर्शाने के लिए था। अब देखना होगा कि सरकार इस विवाद पर क्या रुख अपनाती है।
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