Rajasthan Politics: नागौर से सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के संयोजक हनुमान बेनीवाल से जुड़ा बिजली विवाद अब प्रदेश की राजनीति में तूल पकड़ चुका है। बेनीवाल के सरकारी आवास की बिजली काटे जाने पर विपक्ष ने सवाल उठाए, तो अब राज्य सरकार की ओर से ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने स्थिति स्पष्ट की है।

कोटा में मीडिया से बात करते हुए नागर ने कहा, “बिल जमा न होने पर बिजली कनेक्शन काटना विभाग की सामान्य प्रक्रिया है। इसमें किसी प्रकार का राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं किया गया है।”
उन्होंने यह भी कहा कि जनप्रतिनिधियों को समय पर बिजली बिल जमा करने चाहिए क्योंकि जनता उनके आचरण का अनुसरण करती है। ऊर्जा मंत्री ने यह भी साफ किया कि सरकार राज्य में बिजली चोरी को लेकर सख्त कदम उठा रही है और सभी शिकायतों पर विद्युत विभाग सक्रिय कार्रवाई कर रहा है।
इस पूरे विवाद की पृष्ठभूमि में यह भी अहम है कि हनुमान बेनीवाल को जयपुर के जालूपुरा स्थित राजकीय आवास (MLA क्वार्टर B-7) को खाली करने का नोटिस पहले ही जारी किया जा चुका था। संपदा अधिकारी एवं एडीएम (न्याय) की ओर से जारी नोटिस में उन्हें 10 दिन का समय दिया गया था, जो बीत चुका है।
निर्धारित समय सीमा में आवास खाली नहीं करने के चलते बुधवार, 2 जुलाई को बिजली विभाग ने आवास की बिजली आपूर्ति भी काट दी। अब हनुमान बेनीवाल इस सरकारी आवास पर “अनाधिकृत कब्जे” की स्थिति में रह रहे हैं।
इससे पहले नागौर स्थित हनुमान बेनीवाल के भाई और पूर्व विधायक नारायण बेनीवाल के निवास का बिजली कनेक्शन भी बकाया बिल के कारण काटा गया था। इसे लेकर RLP ने सरकार पर प्रतिशोध की राजनीति करने का आरोप लगाया था।
राजनीतिक हलकों में इस कार्रवाई को लेकर बहस तेज है। RLP इसे राजनीतिक दबाव की रणनीति बता रही है, जबकि सरकार इसे नियमित प्रशासनिक कार्यवाही का हिस्सा बता रही है।
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