Rajasthan Politics: राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के बीच राजनीतिक और व्यक्तिगत आरोपों का विवाद फिर से सुर्खियों में है। डिफेमेशन केस को वापस लेने की संभावनाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए शेखावत ने साफ शब्दों में कहा है कि कोई माफ़ी नहीं मिलेगी। उन्होंने गहलोत द्वारा की गई एक अमर्यादित टिप्पणी को याद करते हुए कहा कि उन्होंने मेरी दिवंगत मां पर टिप्पणी की थी, जिसे मैं जीवन भर नहीं भूल सकता।

मीडिया के माध्यम से क्षमा मांगना उचित नहीं
शेखावत ने कहा कि अगर गहलोत को क्षमा मांगनी थी तो वे सामने आकर बात करते, न कि मीडिया के जरिए औपचारिक बयान देते। उन्होंने कहा, जो अपराध उन्होंने किया, उसके लिए यदि उन्हें खेद है तो क्या यह माफ़ी सिर्फ मीडिया के माध्यम से देना पर्याप्त है? मुझसे सीधे बात क्यों नहीं की?
आपातकाल पर भी साधा निशाना
जोधपुर दौरे के दौरान सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत करते हुए शेखावत ने आपातकाल के संदर्भ में कांग्रेस और गहलोत पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, आज वही कांग्रेस आपातकाल की आलोचना कर रही है, जिसकी सरकार ने संवैधानिक संस्थाओं और मीडिया की स्वतंत्रता को कुचल दिया था। जब सत्ता में थे तो लोकतंत्र को रौंदा और अब संविधान की रक्षा की बातें कर रहे हैं।
भारत विश्व का सबसे पुराना लोकतंत्र है
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि भारत ने लंबी गुलामी के बाद आज़ादी हासिल की है और यह सिर्फ विश्व का सबसे बड़ा नहीं, बल्कि वेदकालीन परंपरा से जुड़ा हुआ सबसे पुराना लोकतंत्र भी है। उन्होंने बताया कि आपातकाल के विरोध में देशभर में जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं, जिसमें जोधपुर में भी प्रेस वार्ताएं और कार्यक्रम आयोजित किए गए।
नसबंदी, जेल और यातनाएं… क्या भूल सकते हैं?
आपातकाल के संदर्भ में गहलोत के हालिया बयान पर शेखावत ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए पूछा, क्या वे करोड़ों लोग जिन्होंने आपातकाल के दौरान जबरन नसबंदी, जेल और यातनाएं सही थीं, वे उस पीड़ा को भूल सकते हैं? उन्होंने कहा कि मौलिक अधिकारों का हनन और संविधान की हत्या एक ऐसा अपराध है, जिसे इतिहास कभी माफ नहीं कर सकता।
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