Rajasthan Politics: राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर फोन टैपिंग का मुद्दा गरमा गया है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित मीडिया संवाद में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से कड़ा सवाल उठाते हुए कहा कि यदि किरोड़ी लाल मीना का फोन टैप हुआ है, तो यह साफ तौर पर सरकार का अपराध है और इसे लेकर जवाबदेही आवश्यक है।

गहलोत ने बताया कि हमारे कार्यकाल में भी इस मुद्दे पर आरोप लगे थे, जब सदन में यह कहा गया था कि किसी नेता का फोन टैप नहीं हुआ। उन्होंने सवाल उठाया, अगर गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढ़म सदन के बाहर सफाई कर रहे हैं, तो सदन के अंदर इस मुद्दे पर क्यों नहीं बोल रहे?
उनका दावा है कि अगर सचमुच किरोड़ी लाल का फोन टैप किया गया है, तो यह सरकार द्वारा विपक्ष की आवाज दबाने का प्रयास है। गहलोत ने कहा कि राजस्थान में फोन टैप की कोई परंपरा नहीं है और कानून भी बिना उचित अनुमति के फोन टैप करने की अनुमति नहीं देता।
साथ ही, उन्होंने बताया कि सदन में विपक्ष बार-बार मांग कर रहा है कि फोन टैपिंग के आरोपों पर स्पष्ट बयान दिया जाए। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, जो न केवल सदन के नेता हैं, बल्कि मुख्यमंत्री और गृहमंत्री भी हैं, उन्हें यह स्पष्ट करना चाहिए कि किरोड़ी लाल का फोन टैप नहीं हुआ। यदि ऐसा कहा जाता तो विवाद वहीं समाप्त हो जाता।
गहलोत ने मुख्यमंत्री के संबोधन पर भी कड़ा कटाक्ष किया, जिसमें उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है मानो नेताओं के भाषण में अंतर स्पष्ट न हो, जैसा कि पहले विपक्षी नेता गुलाबचंद कटारिया के वक्तव्य में देखा गया था।
अंत में, गहलोत ने सीएम से आग्रह किया कि इस मामले पर तुरंत स्पष्ट जवाब दिया जाए, क्योंकि अगर फोन टैपिंग के आरोप सच हैं तो सरकार को अपनी नीति पर पुनर्विचार करना ही पड़ेगा।
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