
Rajasthan Politics: राजस्थान की भजनलाल सरकार ने हाल ही में बड़ा प्रशासनिक निर्णय लेते हुए अशोक गहलोत सरकार के समय बनाए गए 17 नए जिलों में से 9 जिलों और 3 संभागों को खत्म कर दिया है। इस फैसले के बाद राजस्थान में जिलों की संख्या घटकर 41 और संभागों की संख्या 7 रह गई है।

भजनलाल सरकार द्वारा बांसवाड़ा संभाग को समाप्त किए जाने पर स्थानीय सांसद राजकुमार रोत ने कड़ा विरोध जताया। उन्होंने इसे आदिवासी क्षेत्र की जनता के साथ बड़ा अन्याय बताया।
राजकुमार रोत ने सोशल मीडिया पर लिखा कि बांसवाड़ा-डूंगरपुर जैसे आदिवासी बहुल इलाकों के गरीब लोग 240 किलोमीटर दूर उदयपुर तक प्रशासनिक कामों के लिए कैसे जा सकते हैं। उन्होंने सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार की मांग की और इसे आदिवासी समाज के लिए अनुचित बताया। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है कि
बांसवाड़ा संभाग को निरस्त करके राज्य सरकार ने बांसवाड़ा-डूंगरपुर की जनता के साथ बहुत बड़ा अन्याय किया है। मध्यप्रदेश और गुजरात की सीमा पर रहने वाला एक गरीब आदिवासी लगभग 240 किलोमीटर की दूरी तय करके उदयपुर आना तो सोच भी नहीं सकता। सरकार का यह कदम आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र की जनता के साथ बहुत अन्यायपूर्ण है। उन्होंने इस मामले में सरकार को पुनर्विचार करते हुए बांसवाड़ा संभाग को यथावत रखने की मांग की है।
इन जिलों को किया गया खत्म
भजनलाल कैबिनेट ने दूदू, केकड़ी, शाहपुरा, नीमकाथाना, गंगापुरसिटी, जयपुर ग्रामीण, जोधपुर ग्रामीण, अनूपगढ़ और सांचौर जैसे जिलों को खत्म कर दिया है।
जिन जिलों को रखा गया बरकरार
बालोतरा, ब्यावर, डीग, डीडवाना-कुचामन, कोटपूतली-बहरोड़, खैरथल-तिजारा, फलौदी और सलूम्बर जिलों को यथावत रखा गया है।
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