Rajasthan Politics: राजस्थान की राजधानी जयपुर में दिवंगत डॉ. राकेश बिश्नोई के परिजनों को न्याय दिलाने के लिए चल रहे आंदोलन ने तूल पकड़ लिया है। मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच करने से पहले SMS थाना पुलिस ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) नेता हनुमान बेनीवाल, अभिमन्यु पूनिया, निर्मल चौधरी, अनिल चोपड़ा और श्रवण चौधरी को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस बिना वैध अनुमति के आंदोलन करने और लोगों को इकट्ठा करने के लिए भेजा गया है।

पुलिस के अनुसार, इन लोगों ने सवाई मान सिंह (SMS) अस्पताल के आरोग्य पथ और मुर्दाघर के पास टेंट लगाकर अवैध रूप से भीड़ इकट्ठा की और रास्ता अवरुद्ध किया। साथ ही, सोशल मीडिया के जरिए लोगों को जुटने का आह्वान किया गया, जो कानूनन गलत है। नोटिस में चेतावनी दी गई है कि इस तरह के आंदोलन से मरीजों के स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है, क्योंकि SMS अस्पताल में गंभीर मरीजों का आना-जाना होता है और मोर्चरी का रास्ता भी यही है। नोटिस में कहा गया है कि किसी मरीज के साथ कोई दुर्घटना होने पर इसके लिए आंदोलनकारी जिम्मेदार होंगे।

19 जून 2025 की तारीख वाले इस नोटिस के बावजूद हनुमान बेनीवाल ने 20 जून की सुबह अपने जयपुर के जालूपुरा स्थित निवास पर लोगों को इकट्ठा होने का दोबारा आह्वान किया है। बेनीवाल ने X पर लिखा, “दिवंगत डॉ. राकेश बिश्नोई के परिजनों को न्याय दिलाने के लिए जयपुर सहित आसपास के सभी क्षेत्रों के लोग, युवा साथी सुबह 11 बजे तक मेरे निवास स्थान पर अधिक से अधिक संख्या में पहुंचें।” उन्होंने दोपहर 1 बजे SMS अस्पताल की मोर्चरी से सीएम आवास की ओर कूच करने का ऐलान भी किया है। इस दौरान भारी भीड़ के जुटने की संभावना है।

डॉ. राकेश बिश्नोई मामला: 7वें दिन भी धरना जारी

गौरतलब है कि डॉ. राकेश बिश्नोई ने 12 जून 2025 को जहर खा लिया था, जिसके बाद SMS अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई थी। परिजनों का आरोप है कि उनके HOD की प्रताड़ना के कारण डॉ. बिश्नोई ने आत्महत्या की। परिजन HOD की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। इस मामले में सातवें दिन भी धरना जारी है। बेनीवाल ने सरकार पर संवेदनहीनता का आरोप लगाते हुए कहा कि एक चिकित्सक का शव मोर्चरी में पड़ा है और उनके परिजन भूखे-प्यासे आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ रहा।

पुलिस ने स्पष्ट किया है कि बिना वैध अनुमति के आंदोलन करना गैरकानूनी है। नोटिस में आंदोलनकारियों को चेतावनी दी गई है कि वे कानून का पालन करें, वरना उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने यह भी कहा कि इस तरह के अवैध जमावड़े से अस्पताल की सेवाओं और मरीजों को परेशानी हो सकती है.

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