Rajasthan Politics: राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर गर्माहट आ गई है। पूर्व सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना के खिलाफ भर्तियों में अनियमितताओं को लेकर एसीबी द्वारा जांच की मंजूरी मांगने की प्रक्रिया ने सियासी रंग ले लिया है। इस मुद्दे पर कांग्रेस ने कड़ा रुख अपनाते हुए आज राज्यपाल हरिभाऊ बागडे और एसीबी डीजी रवि प्रकाश मेहरड़ा से मुलाकात कर अपना विरोध दर्ज कराया।

कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा शामिल रहे। दोनों नेताओं ने आरोप लगाया कि सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्ष को दबाने के लिए किया जा रहा है।

राज्यपाल ने नकारा मंजूरी फाइल मिलने का दावा

राजभवन में मुलाकात के बाद टीकाराम जूली ने मीडिया को बताया कि, हम राज्यपाल से यह स्पष्ट करने गए थे कि क्या उदयलाल आंजना के खिलाफ कोई फाइल उनके पास भेजी गई है? राज्यपाल ने स्पष्ट किया कि ऐसी कोई मंजूरी उनसे नहीं मांगी गई और उन्हें इस जांच की प्रक्रिया की जानकारी तक नहीं है।

झूठे मुकदमे और बदनामी का अभियान

टीकाराम जूली ने भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि, राजस्थान में भाजपा एक सुनियोजित साजिश के तहत कांग्रेस नेताओं पर झूठे मुकदमे दर्ज करवा रही है। पहले मीडिया ट्रायल कराया जाता है, फिर ACB और ED जैसी एजेंसियों का सहारा लेकर बदनाम किया जाता है। लेकिन जांच के बाद सच कुछ और ही निकलता है।

बदले की भावना से की जा रही कार्रवाई

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने ACB की कार्रवाई को पूरी तरह राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान सहकारी संस्थाओं में हुई भर्तियों को अब मुद्दा बनाकर विपक्ष को डराने का प्रयास किया जा रहा है। एसीबी की यह जांच राजनीति से प्रेरित है, और इसका उद्देश्य सिर्फ कांग्रेस नेतृत्व को निशाना बनाना है।

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