Rajasthan Politics: राजस्थान में कैबिनेट विस्तार को लेकर सियासी हलचल तेज है। अंता विधानसभा उपचुनाव के बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल की अटकलें जोर पकड़ रही हैं। माना जा रहा है कि इस चुनाव का परिणाम मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के लिए लिटमस टेस्ट साबित हो सकता है।

चर्चा यह भी है कि राज्य में गुजरात मॉडल अपनाया जा सकता है, जिसमें सभी मंत्रियों से इस्तीफे लेकर कुछ नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है। बता दें कि सीएम भजनलाल शर्मा के दिल्ली दौरे पर है जिसके बाद इन अटकलों को और बल मिला है।
कैबिनेट मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने इन खबरों को पूरी तरह खारिज किया। उन्होंने कहा, अभी तक मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कोई बात नहीं हुई है। हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर आलाकमान या मुख्यमंत्री चाहेंगे, तो वे तुरंत इस्तीफा देने को तैयार हैं। उनके मुताबिक, यह फैसला पूरी तरह पार्टी नेतृत्व और मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है।
फिलहाल राज्य मंत्रिमंडल में 24 मंत्री कार्यरत हैं, जबकि कुल सीमा 30 की है। यानी छह पद खाली हैं। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री दिसंबर में सरकार के दो साल पूरे होने से पहले टीम को और मजबूत करना चाहते हैं। विस्तार के दौरान जातीय और क्षेत्रीय संतुलन का भी ध्यान रखा जाएगा।
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