Rajasthan News: राजस्थान की सियासत में एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। भाजपा विधायक कंवरलाल मीणा की अंता विधानसभा सीट से सदस्यता को औपचारिक रूप से रद्द कर दिया गया है। यह फैसला विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी द्वारा राज्य के महाधिवक्ता (AG) राजेंद्र प्रसाद की कानूनी राय के आधार पर लिया गया।

मीणा को अदालत से तीन साल की सजा सुनाई गई थी और वे पहले ही सरेंडर कर जेल जा चुके हैं। विधानसभा सचिवालय द्वारा जारी बुलेटिन में उनकी सदस्यता को संविधान और विधिक प्रक्रियाओं के अनुसार समाप्त घोषित कर दिया गया है।

अब अंता सीट पर होंगे उपचुनाव

इस निर्णय के साथ अंता सीट अब रिक्त घोषित कर दी गई है। नियमानुसार, अगले छह महीने के भीतर यहां उपचुनाव कराना अनिवार्य होगा। राजस्थान विधानसभा की कुल सीटें अब घटकर 199 रह गई हैं। इस घटनाक्रम के बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने दावा किया कि, यह फैसला कांग्रेस के दबाव का नतीजा है। हमें राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष और अदालत तक जाना पड़ा। अगर कांग्रेस आवाज न उठाती, तो यह निर्णय लटकाया जाता। डोटासरा ने नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली द्वारा हाईकोर्ट में अवमानना याचिका (Contempt of Court) दाखिल करने को निर्णायक कारक बताया। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा:

सत्यमेव जयते … कांग्रेस पार्टी के भारी दबाव एवं नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली जी के द्वारा हाई कोर्ट में ‘कंटेम्प्ट ऑफ कोर्ट’ की अर्जी पेश करने के बाद आखिरकार भाजपा के सजायाफ्ता विधायक कंवर लाल की सदस्यता रद्द करनी पड़ी। लोकतांत्रिक व्यवस्था में संविधान सर्वोपरि है। कांग्रेस पार्टी यह बात बार-बार RSS-BJP के नेताओं बताती रहेगी और उन्हें मज़बूर करेगी वो संविधान के मुताबिक काम करें। क़ानून के मुताबिक भाजपा विधायक कवंरलाल को कोर्ट से 3 साल की सजा होते ही उनकी सदस्यता रद्द कर देनी जानी चाहिए थी। लेकिन कोर्ट के आदेश के 23 दिन बाद भी भाजपा के सजायाफ्ता विधायक की सदस्यता विधानसभा अध्यक्ष द्वारा रद्द नहीं की गई। विपक्ष के ज्ञापन सौंपने एवं चेताने के बाद भी विधानसभा अध्यक्ष दंडित विधायक को बचाते रहे। इस दौरान उन्होंने एक अभियुक्त को बचाने के लिए न सिर्फ पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया बल्कि संवैधानिक प्रावधानों एवं कोर्ट के आदेश की अवहेलना की। लेकिन अंतत: जीत सत्य की हुई और कंवरलाल की सदस्यता रद्द करनी पड़ी, क्योंकि देश में क़ानून और संविधान की पालना कराने के लिए कांग्रेस की सेना मौजूद है। एक देश में दो कानून नहीं हो सकते।

स्पीकर देवनानी ने आरोपों को किया खारिज

विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कांग्रेस के दावों को खारिज करते हुए कहा हमने एजी की विधिक राय का इंतजार किया और रिपोर्ट मिलते ही तत्काल निर्णय लिया गया। इसमें कोई देरी या पक्षपात नहीं हुआ। कंवरलाल मीणा की सदस्यता रद्द होने के बाद विपक्षी दलों की नजर अब अंता सीट पर है। संभावित उपचुनाव को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। यह सीट अब भाजपा, कांग्रेस और अन्य दलों के लिए रणनीतिक रूप से अहम मानी जा रही है।

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