Rajasthan Politics: राजस्थान की राजनीति में इन दिनों पूर्व मंत्री गोविंद राम मेघवाल का एक वीडियो चर्चा में है। इस वीडियो में वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सिर्फ एक साल छोटे अशोक गहलोत को फिर से मुख्यमंत्री बनने का दावा कर रहे हैं। मेघवाल का कहना है कि आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत होने पर अशोक गहलोत फिर से मुख्यमंत्री बनेंगे। उनका मानना है कि गहलोत मुख्यमंत्री पद की रेस में सबसे आगे हैं और उनके विकास कार्यों की हर जगह चर्चा हो रही है।

“वही ढर्रा, वही राग..” का तंज

गोविंद राम मेघवाल के इस बयान पर अशोक गहलोत के पूर्व ओएसडी लोकेश शर्मा ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने X पर लिखा,
“पार्टी चुनाव जीतकर सरकार बनाने के लिए लड़ती है, लेकिन कांग्रेस में नेता सिर्फ CM बनने तक सीमित रह जाते हैं। यही व्यक्तिगत स्वार्थ पार्टी हित पर हावी रहता है। अभी हार को एक साल भी नहीं हुआ, यह 4 साल पार्टी को एकजुट कर मेहनत करने का समय है। लेकिन वही ढर्रा, वही राग, अपने-अपने नामों से अनुराग!”

हर 5 साल में सरकार बदलने का रिवाज

राजस्थान में हर पांच साल में सरकार बदलने की परंपरा है। 1993 से यह सिलसिला जारी है, जहां जनता एक बार कांग्रेस और दूसरी बार बीजेपी को सत्ता में लाती रही है। सत्तारूढ़ दल भले ही ‘रिवाज बदलने’ का दावा करता हो, लेकिन 5.25 करोड़ मतदाता अपने वोट से अंतिम फैसला सुनाते हैं। इसी परंपरा का हवाला देते हुए पूर्व मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने कांग्रेस की संभावित जीत पर गहलोत के मुख्यमंत्री बनने का दावा किया है।

चार साल पहले शुरू हुई कुर्सी की लड़ाई

हालांकि, अगले विधानसभा चुनाव में अभी चार साल बाकी हैं, लेकिन कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान अभी से शुरू हो गई है। गहलोत और सचिन पायलट के बीच चली अंदरूनी लड़ाई किसी से छिपी नहीं है। भाजपा आज भी इस मुद्दे को उठाकर कांग्रेस को घेरती रही है। ऐसे में मेघवाल का बयान यह संकेत देता है कि कांग्रेस के भीतर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।

भजनलाल सरकार के जश्न के बीच प्रधानमंत्री का दौरा

मेघवाल का यह बयान ऐसे समय में आया है जब राजस्थान की भजनलाल सरकार अपने एक साल का कार्यकाल मना रही है। आज जयपुर में एक राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया गया है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव शामिल हो रहे हैं।

पीएम मोदी इस दौरान पार्वती-कालीसिंध-चंबल (PKC-ERCP) परियोजना का उद्घाटन करेंगे, जिससे प्रदेश के 21 जिलों में जल संकट समाप्त होगा। इसके अलावा, पीएम मोदी 43 हजार करोड़ रुपये से अधिक की 24 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी करेंगे।

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