Rajasthan Politics: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के बीच जारी जंग में अब राजपूत संगठन की एंट्री हो गई है। राजपूत फाउंडेशन की ओर से जारी पत्र में गहलोत को एक राजपूत नेता को निशाना बनाने के आरोप लगाए गए हैं।

बता दें कि राजपूत फाउंडेशन ने गहलोत को तीन पेज का एक पत्र भेजा है। इस पत्र में रोलसाहबसर का जिक्र करते हुए गहलोत के बयान की कड़ी निंदा की गई है। बता दें कि हाल ही में सीएम गहलोत ने 2 जून को बाड़मेर में कहा था कि

‘मैंने भगवान सिंह रोलसाहबसर को फोन किया जो उनके गुरु हैं। मैंने उस नेक आदमी को बुलाया और कहा ‘भगवान सिंह जी, आपके इस चेले के कारण लोग डूब रहे हैं, कृपया लोगों को उनके पैसे वापस दिलाने में मदद करें। कुछ मजबूरियां हो सकती हैं जिसके कारण वह कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं।’ वहीं सीएम गहलोत ने आगे कहा कि शेखावत मामले में आरोपी है तभी गिरफ्तारी के डर से उन्होंने हाईकोर्ट से गिरफ्तारी पर रोक लगवा ली। बता दें कि शेखावत भी प्रताप फाउंडेशन से जुड़े हुए हैं।

प्रताप फाउंडेशन के वरिष्ठ सदस्य महावीर सिंह सरवादी ने पत्र में लिखा है कि अशोक गहलोत को राज्य का मुख्यमंत्री होने के नाते भगवान सिंह साहब का नाम लेकर इस तरह के निराधार बयान दिए जाने से बचना चाहिए। इस तरह का बयान गरिमापूर्ण व्यवहार का संकेत नहीं है। पत्र में यह भी लिखा गया है कि माननीय भगवान सिंह रोलसाहबसर राजनीति में किसी भी तरह के निजी स्वार्थ के भागीदार नहीं है।

वहीं आगे इस पत्र में लिखा गया है कि संजीवनी जैसे कई मामले सामने आए हैं। इनकी जांच भी काफी समय से जारी है। मगर समाज के एक उभरते हुए नेता गजेंद्र सिंह शेखावत को निशाना बनाया जाना उचित नहीं है।

इस पत्र के बारे में सीएम गहलोत ने कहा कि मैं रोलसाहबसर जी का सम्मान करता हूं और उसी के नाते उनका नाम लिया था। रोलसाहबसर गरीबों के लिए काम करते हैं, इसलिए मैंने सोचा था कि उनके कहने से संजीवनी में फंसे गरीबों का भी हित हो जाएगा।

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