Rajasthan Politics: राजस्थान में अश्लील वीडियो वायरल मामले में छह साल के लिए कांग्रेस से निष्कासित पूर्व विधायक मेवाराम जैन की पार्टी में वापसी ने पश्चिमी राजस्थान की राजनीति में हलचल मचा दी है। इस कदम से कांग्रेस के भीतर गुटबाजी फिर से सतह पर आ गई है, जिससे सियासी तनाव बढ़ गया है।

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सिफारिश और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की मंजूरी के बाद जैन की घर वापसी संभव हुई। गहलोत ने कहा, “कांग्रेस की अनुशासन समिति ने सोच-समझकर यह फैसला लिया, जिसमें सभी शामिल थे।”
जैन की वापसी की चर्चा बाड़मेर में ऑपरेशन सिंदूर और सेना के समान रैली के दौरान भी थी, लेकिन विरोधी गुट के दबाव में यह टल गया था। जैन के समर्थकों ने आतिशबाजी के साथ खुशी मनाई, जबकि विरोधी खेमे ने ‘महिलाओं का अपमान नहीं सहेगी कांग्रेस’ और ‘बलात्कारी हमें स्वीकार नहीं’ जैसे नारों वाले होर्डिंग्स लगाकर माहौल गरम कर दिया। इससे पार्टी में सियासी पारा चढ़ गया है।
जैन की वापसी से गहलोत और विरोधी खेमे के बीच तनातनी तेज हो गई है। पश्चिमी राजस्थान में गहलोत के समर्थकों में पूर्व मंत्री अमीन खान, शाले मोहमद और मदन प्रजापत शामिल हैं। वहीं, विरोधी खेमे में विधायक हरीश चौधरी, हेमाराम चौधरी, पदमाराम मेघवाल, फतेह खान, गफूर अहमद और महेंद्र चौधरी हैं। विधानसभा चुनाव के बाद थमी गुटबाजी इस घटनाक्रम से फिर से भड़क सकती है।
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