Rajasthan Politics: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शनिवार शाम को अजमेर पहुंचे। यहां उन्होंने स्वास्तिक नगर में प्रभावित लोगों से मुलाकात की और उनकी पीड़ा जानी। इसके बाद गहलोत ने सर्किट हाउस में रात्रि विश्राम किया। रविवार सुबह मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को लेकर बड़े बयान दिए।

भागवत के जोधपुर दौरे पर टिप्पणी

गहलोत ने कहा कि जोधपुर दौरे के लिए आना भागवत की कृपा है। उम्मीद है कि यहां से जाने वाला संदेश देश में मोहब्बत और भाईचारे का होगा। उन्होंने कहा कि जोधपुर का अपना ऐतिहासिक महत्व है, यह शहर हमेशा सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक रहा है। इसलिए यहां से ऐसे संदेश निकलने चाहिए जो लोगों को जोड़ने का काम करें, न कि तोड़ने का।

काशी-मथुरा की बातें भड़काने वाली

गहलोत ने भागवत के हाल ही में दिए गए काशी और मथुरा संबंधी बयान पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि इस तरह की बातें देश में नफरत और दंगा भड़का सकती हैं। उन्होंने याद दिलाया कि राम मंदिर और बाबरी मस्जिद के मुद्दे पर पहले ही देश हिंसा और तनाव झेल चुका है। ऐसे में काशी-मथुरा जैसे नए मुद्दे उठाना ठीक नहीं है। गहलोत ने कहा कि भागवत को चाहिए कि वे एकता, सद्भाव और इंसानियत की बातें करें, क्योंकि हिंदुस्तान में रहने वाला हर शख्स भारतीय है। उन्होंने चेताया कि देश पहले ही कई चुनौतियों से जूझ रहा है और ऐसे माहौल में भड़काऊ बयानबाजी से हालात और बिगड़ सकते हैं।

वसुंधरा राजे को लेकर बयान

गहलोत ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सक्रियता पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अभी तक वसुंधरा को अवसर नहीं मिला है। अगर मौका मिला होता तो मजा आता। गहलोत ने कहा कि बीजेपी की नेचुरल चॉइस वसुंधरा होनी चाहिए थी, लेकिन पार्टी ने उन्हें मौका नहीं दिया। उन्होंने राजे को अनुभवी नेता बताते हुए कहा कि उन्हें अवसर न मिलना दुखद है।

पढ़ें ये खबरें