Rajasthan Politics: भाजपा कार्यालय में दो दिनों से लगातार मंथन जारी है। हार के कारणों पर रिपोर्ट तैयार कर राष्ट्रीय संगठन को भेजी जाएगी। जिसके बाद आने वाले दिनों में संगठन में पर बदलाव संभव है। आज यानी 16 जून को दूसरे दिन दिन सबसे पहले भरतपुर लोकसभा सीट को लेकर चर्चा हुई। इस सीट पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी मौजूद थे।

बांसवाड़ा डूंगरपुर, टोंक सवाईमाधोपुर और श्रीगंगानगर सीट पर हार के कारणों पर भी मंथन हुआ। दरअसल भाजपा के 400 पार के बाद संविधान में बदलाव की बात कांग्रेस ने कही। यही वजह है कि रिज़र्वेशन ख़त्म होने के डर से SC-ST वोट बैंक भाजपा से छिटक गया, जिसका असर अधिकांश सीटों पर दिखाई दिया।

राजस्थान इस बार कांग्रेस के 5 जाट नेता सांसद का चुनाव जीतने में कामयाब रहे। भाजपा की हार के कारणों पर अलग-अलग सीटों पर कहीं आपसी गुटबाजी तो कहीं संगठन की निष्क्रियता भी बड़ी वजह रही।

वहीं कुछ नेताओं ने हार के बड़े कारणों में खराब टिकट वितरण और बड़े नेताओ का अपनी ही सीटों पर व्यस्त रहना भी बताया है। चूरू सीट पर हार के कारणों में एक बड़ा कारण चुनाव का जातीय आधार पर लड़ा जाना भी माना गया।

बता दें कि इससे पहले कल दिन भर भाजपा दफ्तर में 7 लोकसभा सीटों पर हार के कारणों की चर्चा की गई थी। टोंक-सवाई माधोपुर, नागौर, बाड़मेर, सीकर, झुंझुनूं, चूरू और दौसा सीटों पर हार की समीक्षा गई थी।

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