Rajasthan News: राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने यमुना जल समझौते को लेकर भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने शुक्रवार रात सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए इस समझौते को “राजस्थान के साथ धोखा” करार दिया। डोटासरा का कहना है कि 17 फरवरी 2024 को हुए इस समझौते में राजस्थान के हितों की अनदेखी की गई है और इसे हरियाणा के पक्ष में झुका दिया गया।

क्या हैं डोटासरा के आरोप?
डोटासरा ने आरोप लगाया कि नए समझौते के तहत हरियाणा को पहले 24,000 क्यूसेक पानी मिलेगा और राजस्थान को केवल तब पानी दिया जाएगा, जब अतिरिक्त पानी उपलब्ध होगा। उन्होंने इसे राजस्थान के हितों का सरेंडर बताया। उन्होंने कहा, “यह समझौता 1994 के मूल जल बंटवारे के नियमों का उल्लंघन है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हरियाणा के दबाव में आकर राजस्थान के हितों की बलि दे दी।”
बैठक के बाद हरियाणा का पक्ष
7 जनवरी 2025 को दिल्ली में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल की अध्यक्षता में एक बैठक हुई थी। बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी मौजूद थे। बैठक के बाद हरियाणा सीएम ने स्पष्ट किया कि राजस्थान को केवल बरसात के दिनों में अतिरिक्त पानी ही मिलेगा। डोटासरा ने इस स्थिति को “हरियाणा की मनमर्जी” करार दिया।
MoU अब तक सार्वजनिक नहीं
डोटासरा ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार राजनीतिक डर के कारण 11 महीने बाद भी इस समझौते (MoU) को सार्वजनिक नहीं कर पाई है। उन्होंने कहा कि सरकार न तो जनता के सामने समझौते की जानकारी दे रही है, न ही प्रगति रिपोर्ट पेश कर रही है।
1994 के समझौते की अनदेखी
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि 1994 के जल समझौते के अनुसार राजस्थान को 1.19 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिलना था। इस समझौते में सभी राज्यों को पानी की उपलब्धता के आधार पर समान हिस्सेदारी देने की बात कही गई थी। लेकिन वर्तमान समझौते में हरियाणा के हित पहले रखे गए हैं, जिससे राजस्थान के लोगों को नुकसान होगा।
17 फरवरी 2024 को हुआ था नया समझौता
यह नया समझौता हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की उपस्थिति में साइन किया था। इसके तहत सीकर, चूरू और झुंझुनू जिलों को 577 मिलियन क्यूबिक मीटर पानी मिलना तय किया गया था। हालांकि, डोटासरा का आरोप है कि समझौते के बावजूद हरियाणा ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
कांग्रेस का पलटवार
डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने यमुना का पानी लाने के लिए 31,000 करोड़ रुपये की डीपीआर बनाई थी, जिसे केंद्र ने मंजूरी नहीं दी। उन्होंने भाजपा सरकार पर राजस्थान के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह समझौता जनता के हितों के खिलाफ है।
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