उदयपुर. मल्टी लेवल मार्केटिंग कम्पनी की ओर से जारी सात लाख रुपए के चेक अनादरण के मामले में न्यायालय ने सास भी कभी बहू थी फेम टीवी एक्टर अमर उपाध्याय सहित दो जनों को बरी कर दिया, जबकि मुंबई निवासी कम्पनी डायरेक्टर अक्षय ठक्कर को एक साल कैद और 14 लाख जुर्माने की सजा सुनाई है.
मामले में राजसमंद निवासी हरिनारायण सोनी ने अक्टूबर 2007 में उदयपुर न्यायालय में परिवाद पेश किया, इसमें उसने बताया कि दिल्ली की मिहिर विरानी मल्टी ट्रेड मार्केटिंग की से सदस्य बनाकर रोजगार उपलब्ध कराने का कार्य किया जाता है. इस कम्पनी में वह बतौर सदस्य शामिल हुआ था. कम्पनी से मुंबई निवासी अक्षय ठक्कर, टीवी स्टार अमर उपाध्याय, जयपुर निवासी विक्रम सिंह व भीलवाड़ा निवासी सुनील व्यास बतौर डायरेक्टर जुड़े हुए थे.
कम्पनी की ओर से उसे 16 अगस्त को 2007 में बतौर गारंटी सात लाख का चेक जारी किया गया, जो अनादरित हो गया. मामले में अमर उपाध्याय की ओर पैरवी करते हुए अधिवक्ता महेंद्र नागदा ने पक्ष रखा कि उपाध्याय ने वर्ष 2003 में रिजाइन दे दिया था. इसलिए इसके बाद दिए गए चेक के लिए वे उत्तरदायी नहीं है. वैसे भी वे कम्पनी से सिर्फ ब्रांड एम्बेसडर के रूप में जुड़े थे.
विशिष्ट न्यायालय एनआईए कोर्ट में मामले की सुनवाई चली. जिसमें न्यायालय में कम्पनी के डायरेक्टर अक्षय ठक्कर को दोषी मानते हुए एक साल कैद और 14 लाख के जुर्माने की सजा सुनाई, जबकि अमर उपाध्याय, विक्रम सिंह को चेक अनादरण का जिम्मेदार नहीं मनाया. वहीं भीलवाड़ा निवासी आरोपी सुनील व्यास की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो गई.
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