राजसमंद जिले के आमेट उपखंड में सरदारगढ़ तालाब के पास वर्चस्व की लड़ाई (Territorial Conflict) में दो पैंथर शावकों की मौत हो गई. तालाब पेटे की जमीन पर दोनों के शव (Dead Bodies) मिलने से क्षेत्र में हड़कंप मच गया. वन विभाग (Forest Department) के अनुसार, मौके पर मिले संघर्ष के निशान (Signs of Struggle) बताते हैं कि दोनों पैंथरों के बीच टेरिटोरियल फाइट (Territorial Fight) हुई, जो इतनी भीषण थी कि दोनों शावक गंभीर रूप से घायल (Severely Injured) हो गए और देर रात उनकी मौत हो गई.

सुबह शव देखकर ग्रामीणों (Villagers) ने तुरंत वन विभाग को सूचित (Informed) किया. विभाग की टीम (Team) ने मौके पर पहुंचकर शवों को कब्जे में लिया और उच्च अधिकारियों (Senior Officials) को जानकारी दी. दोनों शवों को स्थानीय वन कार्यालय (Forest Office) लाया गया, जहां पोस्टमार्टम (Postmortem) की प्रक्रिया शुरू की गई. प्रारंभिक जांच (Initial Investigation) में शवों पर नाखून, दांत और खाल सुरक्षित (Intact) मिले, जो प्राकृतिक संघर्ष (Natural Conflict) की पुष्टि करते हैं.

वन विभाग ने मेडिकल बोर्ड (Medical Board) का गठन किया है, जो पोस्टमार्टम रिपोर्ट (Postmortem Report) के आधार पर आगे की कार्रवाई (Further Action) करेगा। अधिकारियों का कहना है कि यह घटना पैंथरों के बीच क्षेत्रीय वर्चस्व (Territorial Dominance) की लड़ाई का परिणाम है।

मेवाड़ क्षेत्र में हाल के वर्षों में पैंथरों की संख्या (Population) में वृद्धि हुई है, जिससे उनके मूवमेंट (Movement) और आपसी टकराव (Conflicts) की घटनाएं बढ़ रही हैं. वन्यजीव विशेषज्ञों (Wildlife Experts) के अनुसार, नए शावक अपने क्षेत्र (Territory) तय करने की प्रक्रिया (Process) में हैं, जिसके चलते वर्चस्व की लड़ाई (Dominance Battles) आम हो गई है. सरदारगढ़ की यह घटना भी इसी का दुखद उदाहरण (Tragic Example) है.