शशांक द्विवेदी, खजुराहो। खजुराहो में पिछले दो दिवसीय नेशनल कंसल्टेशन ऑन रिवर अर्थात छोटी नदियों के अस्तित्व के बचाव के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में पहुंचे ‘जलपुरुष’ डॉ राजेंद्र सिंह ने भारत सरकार की केन बेतवा लिंक परियोजना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया हैं। उनका कहना हैं ये नदी जोड़ परियोजना हैं नहीं बल्कि लिंकिंग ऑफ करप्शन और लिंकिंग ऑफ पॉल्यूशन योजना हैं। क्योंकि यह बड़ा प्रोजेक्ट है और बड़े प्रोजेक्ट में पता नहीं चलता है कहा का पैसा कहा जा रहा हैं। इसलिए केन बेतवा लिंक परियोजना हमारे लिए ठीक नहीं हैं।
कार्यशाला के दौरान राजेंद्र सिंह ने भारत सरकार की केन बेतवा लिंक परियोजना का बेकार बताया और सरकार की इस महत्वपूर्ण परियोजना पर कई सवाल खड़े कर दिए। उनका कहना है कि इन दोनों नदियों के कैचमेंट एरिया में समान बारिश होती हैं और अगर समान बारिश हैं तो एक नदी में ज्यादा पानी और दूसरे में कम पानी ये कैसे मान सकते हैं।
नदी को जोड़ना बिल्कुल न्याय संगत नहीं
डॉ राजेंद्र सिंह ने कहा कि परियोजना सिर्फ लिंक ऑफ करप्शन और लिंक ऑफ पॉल्यूशन के लिए हैं। इसलिए नदी जोड़ बिल्कुल न्याय संगत नहीं हैं। यह बिल्कुल नहीं होना चाहिए। इसलिए हमें नदी जोड़ नहीं चाहिए बल्कि नदियों के साथ राज्य,समाज, संतो और वैज्ञानिकों को भी जोड़ा जाना चाहिए l बता दें कि इस दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में 15 राज्यों से नदियों के बचाव के लिए काम कर रहें सहयोगी शामिल हुए।
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