जयपुर। राजस्थान में सालासर रोड पर स्थित सुजानगढ़ के प्रवेश द्वार पर स्थित ‘राम दरबार’ की प्रतिमा तोड़े जाने पर 16 मार्च की शाम से ही विवाद की स्थिति बनी हुई है. गेट को प्रवेश द्वार को जेसीबी से तोड़े जाने का वीडियो सामने आने के बाद हिन्दू धर्मावलंबियों ने सुजानगढ़-सालासर रोड पर चक्काजाम कर हनुमान चालिसा का पाठ किया. वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के माफी मांगने के बाद हिन्दू धर्मावलंबी सड़क से हटने पर राजी हुए.
करीबन डेढ़ घंटे तक सड़क पर किए गए चक्काजाम की वजह से दोनों तरफ से वाहनों की लम्बी कतारें लग गईं, जिस कारण तीन किलोमीटर लम्बे जाम से निपटना प्रशासन के लिए भी मुश्किल हो गया. आक्रोशित हिन्दू कार्यकर्ताओं की मांग पर डी एईएन बाबूलाल वर्मा व जेईएन नंदलाल मुवाल मौके पर पहुंचे, जिन्हें सड़क पर बिठा कर उनसे ‘राम दरबार’ की प्रतिमा को तोड़ने का कारण पूछा गया. डी एईएन ने सड़क के चौड़ीकरण की बात करते हुए राम दरबार तोड़ने के लिए हाथ जोड़ कर माफी मांगी.
बताया गया कि उक्त सड़क को फोरलेन बनाया जा रहा है. पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार ने सम्मानजनक तरीके से मूर्तियों को कहीं और स्थानांतरित किए जाने की बजाए जेसीबी का इस्तेमाल कर भगवान राम और उनके दरबार की प्रतिमाओं सहित प्रवेश द्वार को ध्वस्त कर दिया. अधिकारी ने आश्वासन दिया कि सड़क का काम पूरा होने के बाद जो प्रवेश द्वार बनाएगा, उसमें भी राम दरबार की प्रतिमाएं स्थापित की जाएगी.
इस घटनाक्रम के बीच भाजपा भी गहलोत सरकार के विरोध में उतर आई. उसने घटना को राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की ‘निशाचरी करतूत’ करार दिया. भाजपा ने कहा कि ‘राम दरबार’ पर बुलडोजर चलाने की घटना को माफ़ नहीं किया जाएगा.
राजस्थान का प्रसिद्ध आस्था का केंद्र
श्री सालासर बालाजी मंदिर राजस्थान के सबसे बड़े धार्मिक तीर्थ स्थल में एक माना जाता है. राजस्थान के चूरू जिले की सुजानगढ़ पंचायत समिति के अंतर्गत मंदिर आता है. सालासर बालाजी मंदिर में प्रति वर्ष दो विशाल मेलों का आयोजन किया जाता है. सालासर में पहला मेला साल के अप्रैल माह में आने हनुमान जयंती के समय लगता है. उसके बाद अक्टूबर महीने में शरद पूर्णिमा के समय भी सालासर में बहुत विशाल मेला लगता है. इस दौरान यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं.