शुभम जायसवाल, राजगढ़। मध्य प्रदेश के राजगढ़ में बड़ा खुलासा हुआ है। ब्यावरा तहसील कार्यालय के मुख्य गेट पर ही सालों से फर्जी नोटरी का धंधा चल रहा था। कथित दस्तावेज लेखक दिलीप व्यास और उसका बेटा विनय व्यास ने वरिष्ठ अधिवक्ता प्रहलाद सिंह पंवार के नाम से फर्जी सील और साइन लगाकर लोगों के दस्तावेज तैयार कर रहे थे। इतना ही नहीं, आरोपी बिना शासन के निर्धारित शुल्क टिकट के ही लोगों से मनमाना पैसा वसूल रहे थे।

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जब यह जानकारी खुद अधिवक्ता प्रहलाद सिंह को मिली तो उन्होंने पुलिस अधीक्षक से शिकायत की। शिकायत के बाद एसपी अमित तोलानी ने राजगढ़ से स्पेशल टीम भेजी। टीम ने मौके पर छापामार कार्रवाई कर बाप-बेटे को गिरफ्तार किया। उनके पास से फर्जी सील, साइन, नोटरी सामग्री और ग्रीन पेपर पर लगे नकली हस्ताक्षर भी जब्त किए गए हैं। पूरा मामला ब्यावरा देहात थाना क्षेत्र का है।

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इस कार्रवाई में एएसआई गंगाप्रसाद साहू, एसआई शादाब, प्रधान आरक्षक सतीश त्यागी और आरक्षक ललित शामिल रहे।पुलिस अब पूरे फर्जीवाड़े की जांच में जुट गई है।

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