रायपुर। छत्तीसगढ़ के प्रयागराज के रूप में प्रसिद्ध राजिम में राजिम कुंभ कल्प 2025 की भव्य तैयारियाँ पूरी हो चुकी हैं। यह माघ पूर्णिमा से महाशिवरात्रि तक, 12 फरवरी से 26 फरवरी तक आयोजित होगा। राज्यपाल रमेन डेका 12 फरवरी को इस पवित्र आयोजन का शुभारंभ करेंगे। इस अवसर पर देशभर से प्रख्यात संत-महापुरुषों की उपस्थिति इस महाकुंभ को दिव्यता प्रदान करेगी।

बता दें कि राजिम कुंभ कल्प ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक एवं धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में अपनी पहचान बनाई है। इस आयोजन के माध्यम से सांस्कृतिक समृद्धि, आध्यात्मिक ऊर्जा और सामाजिक एकता का संदेश प्रसारित होता है। इस वर्ष के कुंभ में विशेष रूप से भव्य संत समागम, सत्संग दरबार, भागवत कथा तथा राष्ट्रीय एवं आंचलिक कलाकारों की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां आकर्षण का केंद्र होंगी।

12 फरवरी से 26 फरवरी तक चलेगा राजिम कुंभ कल्प

12 फरवरी माघ पूर्णिमा से प्रारंभ होने वाले राजिम कुंभ कल्प मेला का समापन 26 फरवरी महाशिवरात्रि को होगा। इसके साथ ही 21 फरवरी से 26 फरवरी तक विराट संत समागम होगा। इस दौरान 12 फरवरी माघ पूर्णिमा, 21 फरवरी जानकी जयंती और 26 फरवरी महाशिवरात्रि को पर्व स्नान भी होंगे, जिसमें शाही जुलूस भी निकाली जाएगी। 12 फरवरी सुबह माघ पूर्णिमा के अवसर पर हजारों श्रद्धालु पुण्य स्नान करेंगे। पुण्य स्नान पश्चात भगवान श्री राजीव लोचन एवं श्री कुलेश्वर महादेव, दानदानेश्वर, बाबा गरीबनाथ, लोमष ऋषि आश्रम दर्शन कर पुण्य लाभ लेंगे। 

नवीन मेला मैदान में लगेगा मेला

इस बार नए मेला मैदान में कुंभ कल्प का आयोजन किया जा रहा है। लगभग 54 एकड़ में फैले नवीन मेला मैदान में मुख्यमंच, विभागीय स्टॉल, फूड जोन, मीना बाजार आदि लगेगा। वहीं पुराने मेला स्थल पर संत समागम, महानदी आरती किया जाएगा। प्रशासन ने इस बार लोमष ऋषि आश्रम से कुलेश्वर महादेव मंदिर, मामा-भांचा मंदिर, महानदी आरती स्थल होते हुए नवीन मेला मैदान में अस्थाीय कच्ची सड़क बनाया गया है। सड़क के दोनों किनारे दुकान भी सज गई है। रात्रि में मेला स्थल का दृष्य काफी विहंगम नजर आ रही है। मेला क्षेत्र के चारों तरफ रंग बिरंगी सतरंगी झालरों से जगमग हो रहा है। नदी क्षेत्र में ही साहू समाज राजिम भक्तिन मंदिर समिति, राइस मिल एसोसिएशन द्वारा निशुल्क भंडारे की व्यवस्था रहेगी।

सांस्कृतिक कार्यक्रम का होगा आयोजन

नवीन मेला स्थल पर स्थानीय कलाकारों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी होगी। वहीं मुख्य मंच में ही राष्ट्रीय एवं प्रदेश के सुप्रसिद्ध लोक कला मंच के अलावा दूसरे राज्यों के कार्यक्रम की प्रस्तुति होगी। इसके अलावा प्रतिदिन शाम 6 बजे से साध्वी प्रज्ञा भारती के सानिध्य में भव्य महानदी आरती किया जाएगा। 

पंडोखर सरकार का लगेगा दरबार 

नदी क्षेत्र में बनाए गए संत समागम स्थल पर 21 फरवरी से 25 फरवरी तक दतिया म.प्र. से पहुंचे गुरुशरण महाराज (पंडोखर सरकार) का सत्संग दरबार लगाया जाएगा। महाराज  शाम 4 बजे से 7 बजे सत्संग करेंगे। इसी प्रकार 13 फरवरी से 19 फरवरी तक भागवत कथा का आयोजन किया गया है। जहां उदयपुर राजस्थान से पधारे डॉ. संजय कृष्ण सलिल जी महाराज प्रवचन देंगे। कथा का आयोजन शाम 4 बजे से 7 बजे तक रखा गया है। 

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