रायपुर. विधानसभा में गुरुवार को राजिम कुंभ (कल्प) का नाम राजिम माघी पुन्नी मेला करने संशोधन विधेयक विपक्ष की आपत्ति के बाद मत विभाजन के बाद पारित हुआ. सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच जमकर तकरार होने के बाद हुए मत विभाजन में विधेयक के पक्ष में 62 और विपक्ष में 8 मत पड़े.

विधेयक पर चर्चा के दौरान अजय चंद्राकर ने प्रवर समिति को विधेयक भेजे जाने की मांग की. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि नियमों के तहत संशोधन नहीं लाया जा रहा. वित्तीय ज्ञापन भी नहीं दिया गया. विधेयक इतनी जल्दी में प्रस्तुत करने की वजह क्या है? इस पर आसन्दी ने कहा कि नियमों को शिथिल कर विधेयक प्रस्तुत करने की अनुमति दी गई है. संसदीय कार्यमंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि आसन्दी की अनुमति के बाद संशोधन विधेयक पेश किया गया है. ये संशोधन सिर्फ नाम के लिए है. वित्तीय ज्ञापन की जरूरत नहीं.

आसन्दी की व्यवस्था के बाद संस्कृति मंत्री ताम्रध्वज साहू ने संशोधन विधेयक पेश करते हुए कहा कि प्रदेश की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को ध्यान में रखकर यह संशोधन लाया गया है. इस पर बृजमोहन अग्रवाल ने आसन्दी से कहा कि कानून संशोधन का मामला है. आप हड़बड़ी न करें. इतिहास कभी माफ नहीं करेगा कि संशोधन पेश करने के लिए हड़बड़ी बरती गई.

आसंदी ने इस पर कहा कि संशोधन पर चर्चा के दौरान आपने नाम दिया था, लेकिन अब विवाद कर रहे हैं. बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सदन में सदस्य विवाद नहीं करता. अजय चंद्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ में ऐसा कौन सा संकट खड़ा हो गया कि ये संशोधन विधेयक लाना पड़ा. आपके सामने हमने प्रिविलेज मोशन पेश किया था कि नोटिफिकेशन जारी होने के बाद राजिम कुंभ का नाम बदलने की घोषणा की गई है, लेकिन आनन-फानन में कैबिनेट बुलाकर प्रस्ताव पेश कर संशोधन विधेयक ले आया गया. उन्होने विधेयक को प्रवर समिति को भेजने की मांग की.

अजय चंद्राकर की विवादित टिप्पणी को करना पड़ा विलोपित

संसदीय कार्यमंत्री रविन्द्र चौबे ने बहस के दौरान कहा कि कुंभ के नामकरण को बदलकर केवल माघी पुन्नी मेला लिखने में इतना परेशान क्यों हैं?  लगातार 15 साल आपने स्नान किया. अकेले बृजमोहन अग्रवाल कुछ नागाओं को लेकर डुबकी लगाते थे. करोड़ों रुपये खर्च किए गए. इस बीच अजय चंद्राकर की एक टिप्पणी को लेकर सत्तापक्ष नाराज हो गया, जिसके विरोध पर आसन्दी ने अजय चंद्राकर की टिप्पणी को विलोपित किया.

संस्कृति मंत्री ताम्रध्वज साहू विपक्ष पर भड़के. संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि जनता ने हमें बहुमत दिया है. जनता के फैसले को स्वीकार कीजिये. जनता ने आपके कर्मों की वजह से विपक्ष में बिठाया है. प्रवर समिति को विधेयक भेजे जाने की मांग की जरूरत मैं महसूस नहीं करता.