चंद्रकांत देवांगन, दुर्ग- राजिम अर्ध कुंभ मेला का नाम अब राजिम पुन्नी मेला होगा. धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री ताम्रध्वज साहू ने शंकराचार्य स्वामी से मुलाकात के बाद मंच से इसकी घोषणा की. उन्होंने कहा कि हमारे शास्त्रों में सिर्फ चार महाकुंभ का जिक्र है. और राजिम को पहले से पुन्नी मेला के नाम से जाना जाता है,अब इसे पुराने नाम से ही जाना जाएगा. बता दें कि पूरी पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद दुर्ग के आदर्श नगर में धार्मिक आयोजन में पहुंचे हैं. इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजिम महोत्सव के लिए शंकराचार्य को मंच से ही निमंत्रण दिया.
मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि राजिम कुंभ के विषय में एक निर्देश मिला है. पूर्व की सरकार ने इसे कुंभ का नाम दे दिया था. लेकिन हमारे शास्त्रों में सिर्फ चार महाकुंभ का जिक्र है. वहीं राजिम का मेला तो बहुत पुराना है, जब से मंदिर बना है तब से यहां मेला लग रहा है. और उसका नाम पहले पुन्नी मेला के नाम से जानते थे. इसलिए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि अब उसका नाम राजिम पुन्नी मेला रखा जाए.
ताम्रध्वज साहू ने कहा कि हमारे छत्तीसगढ़ के संस्कृति के हिसाब से ही सारे कार्यक्रम और धार्मिक आयोजन किए जाएंगे. इसके साथ ही छत्तीसगढ़ के तीर्थ और पर्यटन स्थलों का विकास किया जाएगा. सभी तीर्थस्थल पर मेला महोत्सव किया जाएगा, ताकि लोगों को हमारी सांस्कृतिक पूंजी एवं छत्तीसगढ़ की तीर्थ स्थल के बारे में जानकारी हो सके.
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