डोंगरगढ़. जबलपुर से रायपुर के बीच चलने वाली इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन का संचालन आगामी 3 अगस्त से शुरू होने जा रहा है. यह ट्रेन जबलपुर, नैनपुर, बालाघाट, गोंदिया, राजनांदगांव, दुर्ग और रायपुर स्टेशनों पर रुकेगी. डोंगरगढ़ का नाम इस सूची में शामिल नहीं होने से यहां के नागरिकों और रेल यात्रियों में गहरा रोष है.

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डोंगरगढ़ विकास मंच के अध्यक्ष गोपाल खेमुका और सचिव केके वर्मा ने सांसद संतोष पांडेय को पत्र लिखकर इस ट्रेन का स्टॉपेज डोंगरगढ़ में देने की मांग की है. उन्होंने लिखा है कि डोंगरगढ़ छत्तीसगढ़ का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है, जहां देशभर से श्रद्धालु मां बम्लेश्वरी देवी के दर्शन के लिए आते हैं. यहां पहले से ही वंदे भारत एक्सप्रेस का स्टॉपेज है, जो बिलासपुर-नागपुर के बीच चलती है. ऐसे में इंटरसिटी जैसी अहम ट्रेन का डोंगरगढ़ में नहीं रुकना यहां के नागरिकों और श्रद्धालुओं के साथ अन्याय है.

डोंगरगढ़ विकास मंच ने चेतावनी दी है कि यदि इंटरसिटी ट्रेन का स्टॉपेज डोंगरगढ़ में नहीं दिया गया, तो नागरिक रेल रोको आंदोलन करेंगे, जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन और रेलवे प्रशासन की होगी. इस मांग की जानकारी सांसद प्रतिनिधि व पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष तरुण हथेल को भी दी गई है.

महज 6 घंटे में तीन नाबालिग बच्चे सकुशल बरामद

राजनांदगांव. जिले की पुलिस ने मानवीय संवेदनशीलता और त्वरित कार्रवाई का उत्कृष्ट उदाहरण पेश करते हुए तीन गुमशुदा नाबालिग बच्चों को महज छह घंटे के भीतर सकुशल बरामद कर लिया. ये बच्चे बिना किसी को बताए घर से निकलकर राजनांदगांव पहुंच गए थे.

घटना 29 जुलाई की सुबह की है. ग्राम तुमड़ीबोड़ निवासी कान्ता प्रसाद के तीन बच्चे—एंजल शाडिल्य (12 वर्ष), सुधीर शाडिल्य (8 वर्ष) और प्रफुल शाडिल्य (6 वर्ष)—सुबह करीब 9:30 बजे घर से अचानक लापता हो गए. शाम तक घर वापस न आने पर परिजनों ने रिश्तेदारों, स्कूल, पुराने घर और आसपास के इलाकों में तलाश की, लेकिन बच्चों का कुछ पता नहीं चला. इसके बाद परिजनों ने तुमड़ीबोड़ पुलिस चौकी में मामला दर्ज कराया.

पुलिस ने तत्काल कार्रवाई शुरू कर दी. जांच के दौरान तीनों बच्चे राजनांदगांव के रानीसागर दरगाह के पास अपने चाचा के घर पर होने की सूचना पर टीम ने तत्काल मौके पर पहुंचकर तीनों बच्चों को ऑपरेशन मुस्कान के तहत सकुशल बरामद किया. पूछताछ में बच्चों ने बताया कि वे अपनी मर्जी से राजनांदगांव घूमने के लिए घर से निकल गए थे और किसी को इसकी जानकारी नहीं दी थी. पुलिस ने विधिवत प्रक्रिया के बाद बच्चों को उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया.

अवैध उर्वरक विक्रय पर प्रशासन की कार्रवाई तेज

राजनांदगांव. खरीफ सीजन की बुआई के साथ ही उर्वरकों की मांग बढ़ने लगी है और इसी को देखते हुए जिला प्रशासन ने किसानों को समय पर उचित मूल्य में खाद उपलब्ध कराने के लिए सख्त रुख अपनाया है. सहकारी समितियों के साथ-साथ निजी विक्रेताओं के माध्यम से खाद का वितरण जारी है, लेकिन अनियमितता पर लगाम कसने के लिए प्रशासन सतर्क हो गया है.

कृषि विभाग की जिला स्तरीय निरीक्षण टीम द्वारा ग्राम अमलीडीह कला में की गई छापेमारी के दौरान मैसर्स वर्मा अनाज दुकान में बिना वैध लाइसेंस के 35 बोरी यूरिया और 4 बोरी एन.पी.के. खाद का अवैध भंडारण पाया गया. मौके पर ही खाद जब्त करते हुए मामले को कलेक्टर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है.

इसके अलावा छुईखदान क्षेत्र में स्थित सुनील कृषि केंद्र, मनोज कृषि केंद्र और निर्मल कृषि केंद्र में निरीक्षण के दौरान उर्वरक स्टॉक रजिस्टर के रखरखाव और वितरण प्रक्रिया में अनियमितताएं पाई गईं. इन दुकानों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.