मनोज मिश्रेकर, राजनांदगांव। जिले के खैरागढ़ के राजफेमली वार्ड में रहने वाले 32 वर्षीय युवक आदर्श ने चार दिन पहले एक झोलाछाप डॉक्टर से पाइल्स का ऑपरेशन कराया था. 24 घंटे बाद ही स्थिति बिगड़ गई. तीसरे दिन वह रातभर तड़पता रहा और चौथे दिन उसकी मौत हो गई.
मृतक के पिता कृष्णजय सिंह का कहना है कि ऑपरेशन के बाद से ही उसे असहनीय दर्द हो रहा था. दूसरे दिन से लगातार खून निकलने लगा. इसकी जानकारी डॉ. भवानी को दी गई, तो उन्होंने घर पर ही इलाज शुरू कर दिया. युवक को दर्द निवारक दवाइयां दीं. ग्लूकोज का बॉटल लगाया. एंटी बायोटिक टैबलेट भी दिए.
इंजेक्शन लगने से थोड़ी राहत जरूर मिली, लेकिन असर कम होते ही दर्द बढ़ गया. तीसरे दिन 27 दिसंबर रविवार को सुबह डॉ. अरुण भारद्वाज को इलाज के लिए बुलाया गया. उन्होंने भी इंजेक्शन दिया, लेकिन युवक को सरकारी अस्पताल जाने की सलाह नहीं दी.
सोमवार तड़के आदर्श का शरीर ठंडा पड़ गया. वह बात भी नहीं कर रहा था. हालात बिगड़ता देख दोनों डॉक्टरों ने उसे राजनांदगांव स्थित यूनाइटेड हॉस्पिटल ले जाने की सलाह दी. दीपाली ने जब सरकारी अस्पताल ले जाने के लिए कहा तो दोनों डॉक्टरों ने कहा कि शरीर में खून की कमी हो गई है. इसके लिए राजनांदगांव ले जाना पड़ेगा.
इसके बाद युवक के कुछ दोस्तों को साथ लेकर दोनों कथित डॉक्टर राजनांदगांव के यूनाइटेड हॉस्पिटल पहुंचे, लेकिन वहां के मैनेजमेंट ने मरीज को भर्ती करने से इनकार कर दिया. यहां से जब जिला अस्पताल पहुंचे, तो डॉक्टरों ने मरीज को मृत घोषित कर दिया. घर वालों को सुबह 6 बजे इसकी सूचना मिली.
इस बारे में जानकारी लेने के लिए जब डॉ. भवानी के मोबाइल नंबर पर संपर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उनका मोबाइल स्विच ऑफ है. खैरागढ़ टीआई नासिर बाठी का कहना है कि जिला अस्पताल से डायरी आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.
परिजनों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से वह लंगड़ाकर चल रहा था, लेकिन पूछने पर भी अपनी तकलीफ नहीं बताई. चार दिन पहले 24 दिसंबर को उसने डॉ. भवानी के पास जाकर पाइल्स का ऑपरेशन कराया. जब वह घर पहुंचा तब परिवार वालों को ऑपरेशन की जानकारी मिली.